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Whatsapp Ban in Russia: दुनिया भर में अरबों लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp एक बार फिर रूस में मुश्किलों में घिर गया है. रूस की सरकारी कम्युनिकेशन एजेंसी Roskomnadzor ने ऐप को सख्त चेतावनी जारी की है जिसमें कहा गया है कि WhatsApp का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, अपराधियों की भर्ती करने और राज्य-विरोधी कार्रवाई को समन्वित करने के लिए किया जा रहा है. चेतावनी के बाद साइबेरिया और यूराल क्षेत्र जैसे कई बड़े शहरों में व्हाट्सऐप सर्विस में रुकावटें भी देखने को मिलीं.
Meta पहले ही रूस में एक्सट्रीमिस्ट ऑर्गनाइजेशन घोषित
व्हाट्सऐप पर यह नया खतरा इसलिए और बढ़ गया है क्योंकि इसकी पैरेंट कंपनी Meta को रूस पहले ही एक्सट्रीमिस्ट ऑर्गनाइजेशन घोषित कर चुका है. यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था. अधिकारियों का आरोप है कि Meta के प्लेटफॉर्म रूस-विरोधी कंटेंट और गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं.
इस वर्ष अगस्त में रूस ने Telegram समेत कई अन्य ऐप्स पर भी अपनी डिजिटल पॉलिसी का हवाला देते हुए एक्शन लिया था जिसके तहत विदेशी सोशल मीडिया कंपनियों की सख्त निगरानी शुरू कर दी गई.
यूजर्स को मजबूर किया जा सकता है स्थानीय ऐप्स अपनाने के लिए
रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस सरकार नागरिकों को स्थानीय मैसेजिंग ऐप्स पर शिफ्ट करने के लिए प्रेरित या बाध्य कर सकती है ऐसे प्लेटफॉर्म जो व्हाट्सऐप की तरह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नहीं देते. इन स्थानीय ऐप्स में एन्क्रिप्शन न होने से सरकार आसानी से यूजर्स के चैट लॉग, कॉल डिटेल्स और डेटा तक पहुंच बना सकती है जिससे निगरानी और सुरक्षा तंत्र और मजबूत हो जाएगा. Roskomnadzor ने यहां तक चेतावनी दी है कि अगर WhatsApp ने नियमों का पालन नहीं किया तो पूरे देश में इस ऐप को ब्लॉक कर दिया जाएगा.
ऐसा होने पर करोड़ों रूसी नागरिक प्रभावित होंगे जो रोजमर्रा की बातचीत के लिए WhatsApp पर निर्भर हैं. वहीं, स्थानीय ऐप्स में गोपनीयता सुरक्षा बेहद सीमित होने से यूजर्स की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर भी खतरा बढ़ सकता है.
अमेरिकी टेक कंपनियों पर रूस की बढ़ती सख्ती
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से रूस ने अमेरिकी टेक कंपनियों पर दबाव तेज कर दिया है. सोशल मीडिया, मैसेजिंग सर्विसेज और क्लाउड प्लेटफॉर्म्स पर नई पाबंदियां लगाई गई हैं. सरकार का कहना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी कदम हैं लेकिन आलोचकों के अनुसार यह डिजिटल सेंसरशिप बढ़ाने की दिशा में एक और प्रयास है.
भू-राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ रहे हैं और इसी माहौल में रूसी रेगुलेटर्स ने WhatsApp को एक संभावित खतरे के रूप में देखना शुरू कर दिया है. अगर कंपनी ने शर्तें नहीं मानीं तो रूस में WhatsApp पर बैन लगना अब सिर्फ समय की बात हो सकता है.
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