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पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 9 मई 2023 के दंगों से जुड़े 8 मामलों में जमानत दे दी। इस मामलों में इमरान खान के समर्थकों ने लाहौर में सैन्य अधिकारियों के घर पर हमला कर दिया था।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश याह्या अफरीदी की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने सुनाया। इमरान फिलहाल रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं।
कोर्ट के इस फैसले के बाद भी इमरान खान अभी जेल से रिहा नहीं होंगे, क्योंकि उनके खिलाफ कई अन्य मामले लंबित हैं और वे 50 अरब पाकिस्तानी रुपए के भ्रष्टाचार मामले में 14 साल की सजा काट रहे हैं।

इमरान खान 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं।
इमरान के वकील बोले- घटना के खान हिरासत में थे
नवंबर 2024 में लाहौर की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने इमरान को इन मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद, लाहौर हाई कोर्ट ने भी 24 जून को उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इमरान खान ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
इमरान की तरफ से वकील ने दलील दी थी कि दंगों के वक्त वे NAB की हिरासत में थे, इसलिए घटनाओं में शामिल होना मुमकिन नहीं था। उन्होंने FIR में लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया।
पुलिस ने उनके खिलाफ गवाहों के बयान, व्हाट्सएप चैट और वॉइस-मैचिंग टेस्ट का हवाला दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबूतों की जांच ट्रायल कोर्ट में ही होगी।

इमरान पर आरोप था कि उन्होंने गिरफ्तारी की आशंका के चलते 9 मई 2023 को सरकारी तंत्र को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची थी।
इमरान खान पर दंगे भड़काने का आरोप लगा था
इमरान खान की अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार केस में गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में 9 मई 2023 को बड़े पैमाने पर दंगे हुए। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी और सैन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा था।
इसके बाद इमरान खान और PTI के कई नेताओं पर दंगे भड़काने का आरोप लगा था। इमरान पर लाहौर में कॉर्प्स कमांडर के घर पर हमले सहित कई केस दर्ज हुए थे।
50 अरब का स्कैम है अल-कादिर ट्रस्ट केस
- पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस केस में 4 अहम किरदार हैं। इमरान खान और पत्नी बुशरा बीबी, अरबपति लैंड माफिया मलिक रियाज और बुशरा की दोस्त फराह गोगी।
- पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि खान जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने मलिक रियाज को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया। ब्रिटेन में रियाज की अरबों रुपए की प्रॉपर्टी जब्त करा दी। उसका एक गुर्गा भी लंदन में गिरफ्तार करा दिया, जिससे 40 अरब पाकिस्तानी रुपए बरामद हुए।
- आरोप है कि इस केस के बाद दो डील हुईं। इसके तहत ब्रिटेन सरकार ने रियाज के गुर्गे से बरामद पैसा पाकिस्तान सरकार को लौटा दिया।
- आरोप है कि इमरान ने कैबिनेट को इस पैसे की जानकारी नहीं दी। बल्कि अल कादिर नाम से एक ट्रस्ट बनाकर मजहबी तालीम देने के लिए एक यूनिवर्सिटी शुरू की। इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में 3 मेंबर थे। इमरान खान, बुशरा बीबी और फराह गोगी।
- इस केस की FIR में कहा गया है कि इसके लिए अरबों रुपए की जमीन मलिक रियाज ने दी। बुशरा बीबी को डायमंड रिंग भी गिफ्ट की। बदले में रियाज के तमाम केस खत्म कर दिए गए।
- पाकिस्तान के होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने इमरान की गिरफ्तारी के बाद कहा- ये पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम है। सरकारी खजाने को कम से कम 50 अरब रुपए की चपत लगी। इसके बावजूद 13 महीने में एक बार भी इमरान या बुशरा पूछताछ के लिए नहीं आए। 3 साल में इस यूनिवर्सिटी में महज 32 स्टूडेंट्स ने ही एडमिशन लिया।
- जियो न्यूज के मुताबिक, पूरे मामले को देखते हुए इमरान खान और उनकी पत्नी पर 1 हजार 955 करोड़ रुपए की घूस लेने का आरोप दर्ज किया गया।

ये तस्वीर इमरान की पत्नी बुशरा की खास दोस्त फराह गोगी की है। जिस दिन इमरान की सरकार गिरी उसी दिन फराह मुल्क से फरार हो गईं। उन पर पाकिस्तान में कई केस दर्ज हैं।
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इमरान खान को 8 मामलों में जमानत: इसमें मिलिट्री हेडक्वार्टर पर हमले का भी केस, लेकिन जेल से रिहा नहीं होंगे
