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इजरायल-ईरान के बीच जंग का बासमती चावल पर असर, पंजाब से एक्सपोर्ट करने में अब आएगी दिक्कत Business News & Hub

इजरायल-ईरान के बीच जंग का बासमती चावल पर असर, पंजाब से एक्सपोर्ट करने में अब आएगी दिक्कत Business News & Hub

Basmati Rice Export: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव से मिडिल ईस्ट में उथल-पुथल मच गई है और इससे पंजाब से बासमती चावलों के एक्सपोटर्स की रातों की नींद उड़ गई है. दरअसल, ईरान सहित मिडिल ईस्ट के कई ऐसे देश हैं, जो भारत से बड़े पैमाने पर बासमती चावल मंगाते हैं. इस वक्त बासमती चावल ले जाने वाले कई जहाज बीच रास्ते में हैं और अगर दोनों मुल्कों के बीच युद्ध खींचता है, तो जहाजों को बीच रास्ते से वापस आना पड़ सकता है. इससे करोड़ों रुपयों का नुकसान होगा. 

पंजाब बासमती एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अशोक सेठी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, ”इस लड़ाई को झेलना हमारे बस की बात नहीं है. बासमती चावलों की कई खेपों के साथ हमारे कई जहाज पहले से ही बीच रास्ते में हैं. तनाव बढ़ने की स्थिति में ये अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाएंगे, जिससे हमें लाखों का नुकसान होगा.”

ईरान से लेकर सऊदी तक भारत से जाता है बासमती चावल

मिडिल ईस्ट भारत से बासमती चावलों का बड़ा खरीदार है और पंजाब में देश के कुल बासमती उत्पादन का 40 परसेंट होता है. इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के कई न्यूक्लियर और मिलिट्री सेंटरों पर मिसाइल हमले किए. ईरान ने भी पलटवार करते हुए इजरायल पर ड्रोन से हमले किए. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने देश पर हमले के लिए इजरायल को ‘कड़ी सजा’ की चेतावनी भी दे डाली. 

बीमा कराने में भी आ रही परेशानी

सेठी ने यह भी कहा कि आलम यह है कि एक्सपोर्ट किए जाने वाले सामानों का बीमा भी कराने में मुश्किलें आ रही हैं क्योंकि तनाव का माहौल है इसलिए बीमा कंपनियां भी कवरेज देने से मना कर दे रही हैं. बात सिर्फ बासमती चावल तक कही सीमित नहीं है. युद्ध बढ़ने की स्थिति में तेल के आयात में भी परेशानी आएगी, जिससे भारत को बड़ा नुकसान होगा. 

कम होता जा रहा बासमती चावल का एक्सपोर्ट 

एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के मुताबिक,  2022 में बासमती चावल के निर्यात से भारत की विदेशी मुद्रा आय 48,000 करोड़ रुपये थी, जिसमें से पंजाब का योगदान कम से कम 40 परसेंट था.

इधर, अमेरिका के ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने से भारत से ईरान के लिए बासमती चावलों का एक्सपोर्ट पहले से ही प्रभावित हुआ है क्योंकि ईरान भारत को सही से भुगतान नहीं कर पा रहा है. अमेरिकी प्रतिबंध के चलते भारत ने ईरान से तेल का आयात बंद कर दिया है. इससे रुपये में भारत को भुगतान करने के लिए ईरान के पास भंडार नहीं है. इधर, ईरानी मुद्रा रियाल में गिरावट के चलते भी आयात महंगा हुआ है, तो इस पर असर पड़ा है. 

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में भारत के कुल बासमती चावल निर्यात (3.54 बिलियन डॉलर) में ईरान की हिस्सेदारी करीब 23 परसेंट (0.81 बिलियन डॉलर) थी, जो वित्त वर्ष 2025 तक घटकर 12 परसेंट (0.75 बिलियन डॉलर) रह गई है.

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Source: https://www.abplive.com/business/israel-and-iran-war-has-an-effect-on-basmati-rice-there-will-be-problems-in-exporting-it-from-punjab-2962272

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