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3 दिन पहले
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इजराइल और हमास के बीच एक साल से जारी जंग की वजह से गाजा खंडहर में तब्दील हो चुका है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक गाजा की 60% इमारतें बर्बाद हो चुकी हैं।
इजराइल ने हमास को खत्म करने के लिए उन इलाकों को बर्बाद कर दिया जो कभी लाखों लोगों का घर हुआ करते थे। इजराइली सेना के हवाई हमलों का सबसे ज्यादा असर खान यूनिस, गाजा सिटी और जबालिया पर पड़ा है।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक गाजा पट्टी में जंग शुरू होने के बाद इस साल जून तक 39 मिलियन टन मलबा पैदा हुआ था। इसमें रेत, बिना फटे बम, एस्बेस्टस, खतरनाक पदार्थ और यहां तक कि लोगों के अवशेष भी शामिल हैं।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि इन बर्बाद हो चुके घरों को फिर से पहले जैसा बनाने में 80 साल लगेंगे। हालांकि, गाजा में रहने वाले लोगों के पास न तो इतना समय बचा है और न ही उनके पास इतना पैसा है जो इसकी भरपाई कर सकें।
दूसरी तरफ फसलों और खेतों के बर्बाद होने से भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है, जिसकी जद में लाखों लोग आ गए हैं।
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खान यूनिस की 54% इमारतें खंडहर हुईं खान यूनिस गाजा दक्षिण में बसा एक सैकड़ों साल पुराना शहर है। खान यूनिस के लोगों का कहना है उनका शहर एक भुतहा शहर बन चुका है। वे जिन घरों में रहते थे उन्हें बुलडोजर से गिरा दिया गया है। हॉस्पिटल, मस्जिद, स्कूलों को इजराइली तोपखाने ने मलबे में बदल दिया है। इजराइल का कहना है कि हमास के आतंकियों का सफाया करने के लिए इस तरह के हमले जरूरी हैं।
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खान यूनिस के भीतर मामलुक युग (1250-1517) की एक सिटाडेल दीवार बची हुई है। एक साल पहले इस दीवार के नजदीक सिटाडेल स्क्वायर हुआ करता था। यहां दुकानदार मिठाई बेचा करते थे। लोग हुक्का पीने के लिए यहां जमा होते थे।
इसी जगह पर 96 साल पुरानी ग्रैंड मस्जिद भी हुआ करती थी। यहां पर लोग शुक्रवार की नमाज अदा करने जाते थे और रमजान के दौरान परिवार के साथ देर रात तक जागते थे। अब यहां सिर्फ मलबा बिखरा पड़ा है।
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गाजा सिटी- तबाह हुई सबसे पुरानी मस्जिद गाजा सिटी, गाजा पट्टी की राजधानी है। यह भूमध्य सागर के किनारे पर स्थित है और इसकी आबादी लगभग 20 लाख है। ये दुनिया का सबसे घनी आबादी वाला इलाका है। गाजा को फोनिशियन, रोमन, ओटोमन समेत कई सभ्यताओं का गढ़ माना जाता है।
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जंग ने गाजा के सांस्कृतिक और धार्मिक स्थानों को तहस-नहस कर दिया है। इसमें गाजा की सबसे पुरानी मस्जिद भी शामिल है। गाजा में अल-ओमारी मस्जिद को शहर का दिल कहा जाता था। यहां हजारों साल से प्रार्थना हो रही थी। जैसे-जैसे गाजा में सत्ता बदली, प्रार्थना के तरीके भी बदले।
पांचवीं सदी में अल-ओमारी मस्जिद एक रोमन टेम्पल हुआ करता था। इसके खंडहरों पर ईसाइयों का बीजान्टिन चर्च बना। सातवीं सदी में इसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया। इजराइली सेना ने दिसंबर में ओमारी मस्जिद पर हमला कर इसे तबाह कर दिया।
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इजराइली सेना का दावा था कि ये हमास का कमांड सेंटर बना हुआ था। अब मस्जिद की बस एक दीवार बची हुई है।
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अलशिफा हॉस्पिटल गाजा का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है। इजराइली सेना ने अप्रैल में इस हॉस्पिटल पर छापा मारा और इसको काफी नुकसान पहुंचाया। इजराइली सेना का दावा था कि इस अस्पताल में हमास के आतंकी छिपे हुए थे। इस हॉस्पिटल में अभी भी इलाज जारी है।
जबालिया- 81% इमारतें बर्बाद हुईं गाजा पट्टी के सबसे उत्तर में जबालिया है। जबालिया अपने घनी आबादी वाले कैंपों के लिए जाना जाता है। साल 1948 में अरब-इजराइल जंग के बाद लाखों फिलिस्तीनी अपने घरों से बेदखल हो गए, तब शरणार्थियों के लिए इस शहर को बसाया गया था।
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जबालिया कैंप की स्थापना 1949 में हुई थी और यह फिलिस्तीनी शरणार्थियों की सबसे बड़ी बस्तियों में से है।
जबालिया का अल-ट्रांस चौराहा, जो कभी शहर के सामाजिक जीवन का केंद्र हुआ करता था, इसे जबालिया का दिल कहा जाता था। ये इजराइली हमलों में पूरी तरह नष्ट हो चुका है। इजराइली सेना ने इस इलाके को हमास के प्रमुख सेंटरों में से एक बताया था।
इजराइल ने यहां एक के बाद एक कई हमलों में 2 हजार पाउंड से ज्यादा बमों का इस्तेमाल करके शहर की तस्वीर मिटा दी।
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अल ट्रांस चौराहा 1987 में इजराइल के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के लिए जाना जाता था।
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अनादोलू एजेंसी के मुताबिक इजराइल ने पिछले एक साल में गाजा पट्टी के 825 यानी कि 79% मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया है। इनमें से 611 मस्जिद पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं।
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गाजा जंग को एक साल पूरा हो गया है। इन 365 दिनों में गाजा में 40 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। सालभर में मौत, तड़प, भूख, तबाही और शर्मिंदगी गाजा की नई हकीकत बन चुकी है। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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इजराइल-हमास जंग में खंडहर में तब्दील हुआ गाजा: एक साल में 60% इमारतें तबाह हुईं, दोबारा बनाने में 80 साल लगेंगे