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शास पार्टी ने बुधवार जबकि UTJ ने मंगलवार को नेतन्याहू सरकार से अलग होने की घोषणा की थी।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार अल्पमत में आ गई है। अति-रूढ़िवादी शास पार्टी ने बुधवार को घोषणा की कि वह इस सरकार से समर्थन वापस ले रही है। इससे एक दिन पहले यूनाइटेड टोरा जूडाइज्म (UTJ) ने इस सरकार से अलग होने का ऐलान किया था।
इजराइल की 120 सीटों वाली संसद (नेसेट-निचला सदन में सरकार बनाने के लिए 61 सीटों का बहुमत चाहिए। इन दोनों पार्टियों के अलग होने से सत्तारूढ़ गठबंधन के पास सिर्फ 50 सीटों बची हैं, ऐसे में नेतन्याहू सरकार अल्पमत में आ सकती है।
शास ने पार्टी गठबंधन छोड़ने के मुद्दे पर कहा- भारी मन से हमें यह स्वीकार करना पड़ रहा है कि हम सरकार का हिस्सा नहीं रह सकते। हालांकि, हम इस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश नहीं करेंगे और कुछ कानूनों पर गठबंधन का समर्थन कर सकते हैं।

अनिवार्य मिलिट्री सर्विस से छूट से छिड़ा विवाद
विवाद की मुख्य वजह रूढ़िवादी धार्मिक छात्रों को मिलिट्री सर्विस से मिलने वाली छूट है। ये छात्र लंबे समय से अनिवार्य मिलिट्री सर्विस से छूट ले रहे हैं। नेतन्याहू सरकार ने हाल ही में इस छूट को सीमित करने के लिए एक बिल लेकर आई थी, जिसकी वजह शास पार्टी और UTJ ने सरकार से अलग होने का फैसला किया।
दोनों पार्टियों का कहना है कि धार्मिक छात्रों के सेना में भर्ती होने से उनकी धार्मिक जीवनशैली को खतरा होगा। हालांकि, कई अन्य यहूदी इजराइली इसे स्पेशल सुविधा मानते हैं और इस पर नाराजगी जताते हैं।

बिल के विरोध में रूढ़िवादी धार्मिक छात्रों का कहना है कि वो जेल जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन आर्मी में नहीं जाएंगे।
ऑर्थोडॉक्स समुदाय पर युद्ध से पीछे हटने का आरोप
गाजा युद्ध के दौरान यह मुद्दा और गंभीर हो गया है। इस युद्ध में सैकड़ों इजराइली सैनिकों की मौत हो चुकी है, जिसकी वजह से अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स समुदाय पर आरोप लग रहे हैं कि वे दूसरों के लिए युद्ध में जान देने वालों के मुकाबले पीछे हट रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गठबंधन विवाद तुरंत नेतन्याहू की सरकार नहीं गिराएगा। हालांकि, यह इजराइल की राजनीति में और अस्थिरता लाएगा, खासकर जब गाजा में युद्धविराम और लेबनान व सीरिया में चल रहे संघर्ष को लेकर नेता आपस में टकरा रहे हैं।
अब तक 800 से ज्यादा इजराइली सैनिकों की मौत
इजराइल और हमास के बीच युद्ध को जल्द ही तीन साल पूरे होने वाले हैं। अल जजीरा के मुताबिक इस युद्ध में अब तक 888 इजराइली सैनिक मारे जा चुके हैं।
वहीं, गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अक्टूबर 2023 में शुरू हुए युद्ध के बाद से इजराइली हमलों में गाजा के 58,573 लोग मारे गए हैं और 1,39,607 अन्य घायल हुए हैं।
गाजा में 70% बिल्डिंग्स तबाह
गाजा के मीडिया कार्यालय (GMO) ने इजराइल पर आरोप लगाया कि वह गाजा पट्टी से फिलिस्तीनी आबादी खाली करने की साजिश रच रहा है। ऑफिस ने कहा कि इजराइली सेना जबरन बेदखली, बमबारी और सहायता रोककर गाजा को तबाह कर रही है। यह नरसंहार है।
GMO ने दावा किया था कि गाजा का 70% से ज्यादा बिल्डिंग्स तबाह हो चुकी हैं और 19 लाख लोग (85% आबादी) बेघर हो गए हैं।
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