in

इंडिगो ने हाईकोर्ट में ₹900 करोड़ कस्टम ड्यूटी रिफंड मांगा: रिपेयर के बाद री-इंपोर्ट होने वाले पार्ट्स पर दोबारा ड्यूटी लगाने को असंवैधानिक बताया Business News & Hub

इंडिगो ने हाईकोर्ट में ₹900 करोड़ कस्टम ड्यूटी रिफंड मांगा:  रिपेयर के बाद री-इंपोर्ट होने वाले पार्ट्स पर दोबारा ड्यूटी लगाने को असंवैधानिक बताया Business News & Hub
  • Hindi News
  • Business
  • IndiGo Parent InterGlobe Aviation Seeks ₹900 Cr Customs Duty Refund In Delhi High Court

नई दिल्ली8 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में ₹900 करोड़ से ज्यादा कस्टम ड्यूटी का रिफंड मांगा है।

यह ड्यूटी विदेश में रिपेयर के बाद एयरक्राफ्ट इंजन और पार्ट्स के री-इंपोर्ट पर चुकाई गई थी। कंपनी का कहना है कि एक ही ट्रांजेक्शन पर दो बार ड्यूटी लगाना असंवैधानिक है।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और शैल जैन की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की, लेकिन जस्टिस जैन ने खुद को अलग कर लिया क्योंकि उनका बेटा इंडिगो में पायलट है। अब चीफ जस्टिस के ऑर्डर पर दूसरी बेंच सुनवाई करेगी।

री-इंपोर्ट पर दोबारा कस्टम ड्यूटी लगाना गलत

एडवोकेट वी लक्ष्मीकुमरण ने कोर्ट में कहा कि री-इंपोर्ट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी बिना डिस्प्यूट चुकाई गई। रिपेयर सर्विस होने की वजह से रिवर्स चार्ज पर GST भी चुकाया। लेकिन कस्टम अथॉरिटी ने इसे गुड्स इंपोर्ट मानकर फिर ड्यूटी लगाई।

इंडिगो ने कहा कि यह डबल लेवी है। एयरलाइन के अनुसार कस्टम ट्रिब्यूनल पहले ही साफ कर चुका है कि मरम्मत के बाद री-इंपोर्ट पर दोबारा कस्टम ड्यूटी नहीं लगती।

इंडिगो बोला- दो बार ड्यूटी लगाना अनकंस्टीट्यूशनल

इंडिगो ने कहा कि कोर्ट ने नोटिफिकेशन के हिस्से को अनकंस्टीट्यूशनल बताया था। फिर भी कस्टम ऑफिसर्स ने क्लियरेंस के लिए ड्यूटी चुकाने को मजबूर किया। एयरक्राफ्ट को अनिश्चित समय तक ग्राउंड नहीं किया जा सकता था। इसलिए 4,000 से ज्यादा बिल्स ऑफ एंट्री पर प्रोटेस्ट के साथ ड्यूटी चुकाई गई। इसका बिल कुल ₹900 करोड़ से ज्यादा था।

बाद में रिफंड क्लेम फाइल किए, लेकिन रिजेक्ट कर दिया गया। हर बिल का री-असेसमेंट कराने को कहा गया। इंडिगो ने कहा कि सभी ड्यूटी भुगतान अंडर प्रोटेस्ट थे। सभी मामलों में स्पीकिंग ऑर्डर पारित हुए और अपीलें भी दाखिल हैं।

2024 में इंडिगो के समर्थन में फैसला दे चुका हाईकोर्ट

मार्च 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो के ही एक दूसरे केस में कहा था कि रिपेयर के बाद री-इंपोर्ट होने वाले पार्ट्स सर्विस इंपोर्ट है, गुड्स नहीं। जब IGST के तहत इसे सेवा करार देकर टैक्स ले लिया गया है, तो कस्टम टैरिफ एक्ट के तहत अतिरिक्त लेवी असंवैधानिक है। यह इश्यू अब सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।

खबरें और भी हैं…

Source: https://www.bhaskar.com/business/news/indigo-moves-high-court-seeking-refund-of-900-crore-customs-duty-136649377.html

शिमला पुलिस ने 9 नशा तस्कर दबोचे:  2 चंडीगढ़-पानीपत के रहने वाले, चौपाल का एक दंपति भी शामिल, 19 ग्राम चिट्टा बरामद – Shimla News Chandigarh News Updates

शिमला पुलिस ने 9 नशा तस्कर दबोचे: 2 चंडीगढ़-पानीपत के रहने वाले, चौपाल का एक दंपति भी शामिल, 19 ग्राम चिट्टा बरामद – Shimla News Chandigarh News Updates

नवंबर में सब्जियों और मसालों की कीमतें बढ़ीं:  रिटेल महंगाई बढ़कर 0.71% पर पहुंची, अक्टूबर में ये 0.25% पर थी Business News & Hub

नवंबर में सब्जियों और मसालों की कीमतें बढ़ीं: रिटेल महंगाई बढ़कर 0.71% पर पहुंची, अक्टूबर में ये 0.25% पर थी Business News & Hub