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इंटरपोल की रेड नोटिस का सामना कर रहे 2 भारतीयों को भेजा गया भारत
इंटरपोल के रेड नोटिस का सामना कर रहे दो भगोड़े भारतीयों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। दरअसल तमिलनाडु और गुजरात में अलग-अलग मामलों में वांछित दो भगोड़ों को अमेरिका और थाईलैंड से लौटने के बाद गिरफ्तार किया। बता दें कि इसके लिए सीबीआई द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि पोंजी स्कीम के माध्यम से निवेशकों के 87 करोड़ रुपये से अधिक धन की हेराफेरी करने के आरोपी जनार्थनन सुंदरम को बैंकॉक से भारत लाया गया था। वहीं तमिलनाडु पुलिस ने कोलकाता हवाईअड्डे पर उसे हिरासत में लिया था।

दो भगोड़े भारतीयों को किया गया गिरफ्तार
वह तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा आपराधिक षड्यंत्र, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जमा/ब्याज के पुनर्भुगतान में चूक तथा अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 के तहत किए गए अपराधों के लिए वांछित था। दूसरे अभियान में, सीबीआई के वैश्विक परिचालन केंद्र ने धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के एक मामले में 20 साल से वांछित वीरेंद्रभाई मणिभाई पटेल की वापसी के लिए गुजरात पुलिस और अहमदाबाद हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। चारोतर नागरिक सहकारी बैंक, आणंद का निदेशक पटेल गुजरात पुलिस द्वारा 2002 में दर्ज 77 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में वांछित था।
सीबीआई ने कही ये बात
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, “तमिलनाडु पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने 21 जून, 2023 को इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया।” एजेंसी ने कहा कि 28 जनवरी, 2025 को बैंकॉक की यात्रा करने वाले सुंदरम को रेड नोटिस के आधार पर प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। बता दें कि भारत के कई अन्य भगोड़े हैं जो विदेशों में छिपे हुए हैं, जिनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, सुशील मोदी जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जिन्हें भारत लाने के लिए लगातार भारत सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि अब तक उन्हें भारत लाने में सफलता नहीं मिली है।
(इनपुट-भाषा)
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