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आपको भी नींद में लगते हैं झटके, जानिए शरीर में है दिक्कत या दिमाग का केमिकल लोचा? Health Updates

आपको भी नींद में लगते हैं झटके, जानिए शरीर में है दिक्कत या दिमाग का केमिकल लोचा? Health Updates

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शरीर या दिमाग में केमिकल इनबैलेंस के कारण कई सारे दिमाग से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए सही लाइफस्टाइल, इलाज बेहद जरूरी होता है. केमिकल रिएक्शन के कारण कई सारी दिमाग से जुड़ी दिक्कतें, उदासी, निराशा, चिंता और कई सारे विचार दिमाग में आने लगते हैं. इसके कारण किसी भी चीज में फोकस करने में दिक्कत होती है, साथ ही चिड़चिड़ापन, बैचेनी, नींद की कमी या काफी ज्यादा नींद, भूख और वजन बढ़ने की समस्या होती है. 

न्यूरोट्रांसमीटर:

न्यूरोट्रांसमीटर के कारण दिमाग में केमिकल बदलाव होते हैं जिसके कारण ब्रेन और शरीर में कई तरह हार्मोनल चेंजेज होते हैं जैसे- असंतुलन मूड, व्यवहार और दूसरे काम भी बुरी तरह से प्रभावित होते हैं. रिसेप्टर विशिष्ट न्यूरोट्रांसमीटर के प्रति अतिसंवेदनशील या असंवेदनशील हो सकते हैं. या कोशिकाएं उनमें से पर्याप्त मात्रा में उत्पादन नहीं कर सकती हैं. जबकि न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलन मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में योगदान कर सकता है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मानसिक स्वास्थ्य जटिल है और केवल रासायनिक स्तरों से ही नहीं. 

नींद में सोने के कारण आपको तेज झटके लग सकते हैं. जिससे आपकी नींद खुल जाती है और आप चौंक जाते हैं. ऐसे झटके लगभग हर किसी को आते हैं, सपने में आप किसी पहाड़ से गिर जाते हैं या ठोकर खाकर गिर जाते हैं. कुछ लोग इन झटकों से इतना अपसेट हो जाते हैं कि फिर उस पल उनको सही से नींद  नहीं आ पाती. आपकी तरह कई लोग इस बारे में सोचते होंगे कि आखिर क्या ये सपना है या कोई परेशानी. चलिए आज आपको बताते हैं कि नींद में ऐसा झटका क्यों महसूस होता है. 
 
क्या होता है नींद में झटका लगने का मतलब       

नींद में आने वाले इन झटकों को मेडिकल टर्म में हाइपनिक जर्क कहते हैं. हाइपनिक जर्क मायोक्लोनस (myoclonus) यानी नींद के ये झटके ब्रेन के उस हिस्से में आते हैं जहां दिमाग को चौंका देने वाली प्रोसेस को कंट्रोल किया जाता है. हाइपनिक जर्क आने की कोई एक वजह नहीं है, इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं. दरअसल नींद के समय शरीर बिलकुल रेस्ट मोड में चला जाता है. इस समय मांसपेशियां रेस्ट करती हैं और दिल की गति भी मंद हो जाती है. इस दौरान दिमाग नींद में ही ये चैक करने की कोशिश करता है कि दिल सही से काम कर रहा है या नहीं और इस वजह से वो हाइपनिक जर्क को उत्तेजित करता है. इसके अलावा मांसपेशियों के रेस्ट मोड में जाने पर दिमाग को ऐसा महसूस होता है कि हम वाकई में गिर रहे हैं और ऐसी स्थिति में संभलने के लिए हाइपनिक जर्क आते हैं. इसे सिंपल भाषा में कहें तो शरीर इस समय सोता है और दिमाग बिलकुल जागता है और वो किसी भी तरह की एमरजैंसी को देखते ही शरीर को झटका देता है. 

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तनाव और कैफीन भी हो सकती है वजह     

जो लोग ज्यादा चाय कॉफी पीते हैं या ज्यादा एक्सरसाइज और वर्कआउट करते हैं, वो नींद में हाइपनिक जर्क के ज्यादा शिकार होते हैं. इसके अलावा इमोशनल स्ट्रेस या फिर नींद की कमी भी इसका कारण हो सकती है. कई बार हम इतनी ज्यादा गहरी नींद में होते हैं कि ब्रेन को छोड़कर शरीर का हर हिस्सा रेस्ट मोड में चला जाता है, इसलिए दिमाग शरीर को बेजान मानकर उसे झटका देता है कि वो जिंदा है या नहीं. यूं तो ऐसा होना सामान्य प्रोसेस है लेकिन अगर आपको बार बार नींद में झटके आ रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से जरूर चैकअप करवा लेना चाहिए.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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