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<p><strong>Union Budget: </strong>भारत सरकार और राज्य सरकार के लाखों सरकारी स्टाफ के लिए खबर है. उनकी सैलरी में बड़ी उछाल की संभावना फिलहाल खत्म हो गई है. कम से कम एक साल उन्हें आठनें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत बढ़ा वेतन नहीं मिलने जा रहा है. क्योंकि, भारत सरकार ने इसके लिए अभी संसद में पेश हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में आठवें वेतन आयोग के आधार पर बढ़ने वाले सैलरी के लिए कोई पैसा नहीं डाला है. दरअसल, आठवें वेतन आयोग के लिए अभी टर्म ऑफ रिफरेंस ही मांगा जा रहा है. इस तरह वेतन आयोग की रिपोर्ट आने में कम से कम सालभर लगेंगे. उसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि किस स्टाफ की सैलरी कितनी बढ़ेगी. उस बढ़ी हुई सैलरी का आकलन कर ही भारत सरकार अपने अगले बजट यानी 2026-27 के बजट में इसके लिए पैसे की व्यवस्था कर पाएगी. </p>
<h3>टर्म ऑफ रिफरेंस का सुझाव देने के लिए मंत्रालयों को लिखा</h3>
<p>मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी मनोज गोविल ने भी यह स्वीकार किया है कि अगले फाइनेंशियल ईयर से ही सरकारी स्टाफ को आठवें वेतन आयोग के मुताबिक बढ़ा हुआ पैसा मिलना संभव हो पाएगा. अभी वित्त मंत्रालय ने डिफेंस मिनिस्ट्री, होम मिनिस्ट्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय को पत्र भेजकर टर्म ऑफ रिफरेंस का सुझाव देने के लिए कहा है. उनके टर्म ऑफ रिफरेंस को भारत सरकार की मंजूरी के बाद ही भारत सरकार के वेतन आयोग के काम की प्रक्रिया शुरू होगी. मनोज गोविल ने भी बताया कि टर्म ऑफ रिफरेंस के भारत सरकार से मंजूरी मिलते ही वेतन आयोग अपना काम शुरू कर देगा.</p>
<h3>पिछले कमीशन ने सालभर से अधिक लिया था वक्त</h3>
<p>पिछले कमीशन यानी सातवें वेतन आयोग ने रिपोर्ट देने में सालभर से अधिक का वक्त लिया था. अगर आठवां वेतन आयोग मार्च 2025 तक गठित हो भी जाता है तो कम से कम मार्च 2026 से पहले इसकी रिपोर्ट नहीं आ पाएगी.</p>
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आठवें वेतन आयोग का फायदा सरकारी स्टाफ को मिलने में कम से कम सालभर की देरी, क्यों है ऐसा
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