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भारत के पहले मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की टेस्टिंग और ट्रायल के लिए जापान फ्री में हाई-स्पीड ट्रेन देगा। जापान 2026 की शुरुआत में शिंकानसेन की E3 और E5 बुलेट ट्रेन भारत भेज सकता है। भारत सरकार अपने पहले हाई-स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए शिंकानसेन की लेटेस्ट E10 सीरीज के साथ शुरुआत करने की योजना बना रहा है। आज हम यहां जापान की विश्व प्रसिद्ध बुलेट ट्रेन रेल लाइन ग्रुप शिंकानसेन के लिए ट्रेन बनाने वाली कंपनी की टेक्नोलॉजी के बारे में जानेंगे।

शिंकानसेन का अर्थ है- नई मेन लाइन। शिंकानसेन हाई-स्पीड रेल लाइन का एक ग्रुप है, जिन पर जापान की बुलेट ट्रेन दौड़ती हैं। जबकि शिंकानसेन रेल लाइन पर दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन की मैन्यूफैक्चरिंग हिताची, कावासाकी हैवी इंडस्ट्रीज समेत कई कंपनियां करती हैं। भारत में आने वाली बुलेट ट्रेन की मैन्यूफैक्चरिंग भी जापानी कंपनी हिताची ही करेगी। जापान की बुलेट ट्रेन अपनी स्पीड, सेफ्टी और टेक्नोलॉजी के लिए दुनियाभर में मशहूर है।
कई तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बुलेट ट्रेन बनाती है हिताची
शिंकानसेन लाइन के लिए बुलेट ट्रेन बनाने वाली कंपनी हिताची कई तरह की तकनीक का इस्तेमाल करती है, जिससे उनकी ट्रेनें न सिर्फ बिजली की रफ्तार से दौड़ती हैं, बल्कि ये बेहद सुरक्षित और आरामदायक भी हैं। ये बुलेट ट्रेन ईएमयू टेक्नोलॉजी से लैस होती हैं। इसमें ट्रेन का प्रत्येक कोच अपने अलग ट्रैक्शन मोटर की मदद से चलता है। इसलिए ये बाकी ट्रेनों की तुलना में तेज गति से दौड़ सकती हैं। ऐसी ट्रेनों में अलग से इंजन लगाने की जरूरत नहीं होती है। हिताची द्वारा बनाई जाने वाली बुलेट ट्रेन जबरदस्त ट्रैक्शन सिस्टम और मैगलेव (Maglev) टेक्नोलॉजी के साथ-साथ अपने दमदार एयरोडाइनैमिक डिजाइन के दम पर बिजली जैसी रफ्तार से दौड़ने में सक्षम बनती है।

ट्रेन को हवा में उड़ाते हुए ले जाती है मैगलेव टेक्नोलॉजी
हिताची द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली Maglev यानी मैगनैटिक लैविटेशन टेक्नोलॉजी, ट्रेन को हवा में उड़ाने और आगे बढ़ाने के लिए चुंबकों का इस्तेमाल करता है। इस टेक्नोलॉजी में ट्रेन के पहिये चुंबकीय शक्ति की मदद से लाइन पर टिक कर चलने के बजाय हवा में तेजी से घूमते हैं। जिससे ट्रेन की स्पीड, बाकी ट्रेनों की तुलना में काफी तेज हो जाती हैं। इस टेक्नोलॉजी के और भी कई फायदे हैं। इससे ट्रेनों के मेनटेनेंस कॉस्ट में कमी आती है और आवाज भी नहीं होती।
कैसे काम करता है मैगलेव टेक्नोलॉजी
मैगलेव टेक्नोलॉजी में लगाए गए शक्तिशाली चुंबक रेल ट्रैक में मेटल के लूप के साथ तेज हलचल करते हैं, जिससे इलेक्ट्रिक करेंट पैदा होता है जो एक दूसरे मैगनैटिक फील्ड को जनरेट करता है। इस पूरे प्रोसेस में ट्रेन को चलाने के लिए मैगनैटिक अट्रैक्शन और रिपल्शन दोनों का उपयोग किया जाता है।
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आखिर बिजली जैसी रफ्तार से कैसे दौड़ती हैं जापान की बुलेट ट्रेन – India TV Hindi