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ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नशामुक्ति की शपथ दिलाते हुए।
चरखी दादरी। कुसंग से भ्रमित हो व्यक्ति शौक से नशे की लत में पड़ जाता है। उसकी मानसिक शांति भंग होने के कारण वह तनाव का शिकार हो जाता है। कुछ पल की शांति के लिए नशे का प्रयोग कर मौत को निमंत्रण देता है। यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की झोझूकलां-कादमा शाखा की ओर से नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत गांव बिजना, माई खुर्द-कलां, नौरंगाबास राजपूताना में लोगों को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा ने व्यक्त किए।
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आंतरिक शक्तियों को जागृत कर समाज में सकारात्मक ऊर्जा का करें संचार : वसुधा