अस्पताल में रेबीज का इंजेक्शन खत्म, मरीज लौट रहे निराश


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फतेहाबाद। नागरिक अस्पताल में पिछले चार दिनों से रेबीज इंजेक्शन ही नहीं है। रोजाना 50 से 55 मरीजों को नागरिक अस्पताल से बिना इंजेक्शन लगवाए बिना लौटना पड़ रहा है। यहां तक कि पीएचसी स्तर पर रेबीज इंजेक्शन लगाने की सुविधा तक नहीं है। गांवों से मरीज नागरिक अस्पताल में इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं लेकिन यहां भी मायूसी हाथ लग रही है।
बता दें के अस्पताल में हर माह 1150 से 1200 तक मरीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शनों की सप्लाई हिसार के वेयर हाउस होती है लेकिन यहां से कम सप्लाई के कारण अस्पताल अपने स्तर पर खरीद रहे हैं। लेकिन अभी हालात ये है कि समय पर इंजेक्शन की खरीद न करने के कारण स्टॉक ही खत्म हो चुका है।
निजी में 700 से 800 रुपये में लगवाने को मजबूर मरीज
कुत्ते के काटने पर अगर घाव कम है तो तीन इंजेक्शन लगाए जाते हैं और अगर ज्यादा है तो पांच इंजेक्शन लगाए जाते है। नागरिक अस्पताल में बीपीएल और आयुष्मान पात्रों के लिए इंजेक्शन फ्री है और इसके अलावा अन्य मरीजों से 100 रुपये प्रति इंजेक्शन लिए जाते हैं। अस्पताल में इंजेक्शन न होने कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा है, यहां पर उन्हें 700 से 800 रुपये प्रति इंजेक्शन लगवाना पड़ रहा है।
गर्मी में बढ़ जाते हैं कुत्ते काटने के मामले
अस्पताल में गर्मी के मौसम में रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के केस बढ़ जाते हैं। आमतौर पर 35 से 40 केस रोजाना आते है लेकिन गर्मी बढ़ने के कारण कुत्ते के काटने के केस बढ़ जाते हैं। फिलहाल रोजाना 50 से 55 मरीज रोजाना आ रहे हैं।
कोट
रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई पीछे से ही नहीं आ रही है। स्थानीय स्तर पर ही खरीदे जा रहे हैं। जल्द ही नागरिक अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे।
– डॉ. संगीता अबरोल, कार्यकारी सिविल सर्जन

फतेहाबाद। नागरिक अस्पताल में पिछले चार दिनों से रेबीज इंजेक्शन ही नहीं है। रोजाना 50 से 55 मरीजों को नागरिक अस्पताल से बिना इंजेक्शन लगवाए बिना लौटना पड़ रहा है। यहां तक कि पीएचसी स्तर पर रेबीज इंजेक्शन लगाने की सुविधा तक नहीं है। गांवों से मरीज नागरिक अस्पताल में इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं लेकिन यहां भी मायूसी हाथ लग रही है।

बता दें के अस्पताल में हर माह 1150 से 1200 तक मरीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। अस्पतालों में रेबीज इंजेक्शनों की सप्लाई हिसार के वेयर हाउस होती है लेकिन यहां से कम सप्लाई के कारण अस्पताल अपने स्तर पर खरीद रहे हैं। लेकिन अभी हालात ये है कि समय पर इंजेक्शन की खरीद न करने के कारण स्टॉक ही खत्म हो चुका है।

निजी में 700 से 800 रुपये में लगवाने को मजबूर मरीज

कुत्ते के काटने पर अगर घाव कम है तो तीन इंजेक्शन लगाए जाते हैं और अगर ज्यादा है तो पांच इंजेक्शन लगाए जाते है। नागरिक अस्पताल में बीपीएल और आयुष्मान पात्रों के लिए इंजेक्शन फ्री है और इसके अलावा अन्य मरीजों से 100 रुपये प्रति इंजेक्शन लिए जाते हैं। अस्पताल में इंजेक्शन न होने कारण मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा है, यहां पर उन्हें 700 से 800 रुपये प्रति इंजेक्शन लगवाना पड़ रहा है।

गर्मी में बढ़ जाते हैं कुत्ते काटने के मामले

अस्पताल में गर्मी के मौसम में रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के केस बढ़ जाते हैं। आमतौर पर 35 से 40 केस रोजाना आते है लेकिन गर्मी बढ़ने के कारण कुत्ते के काटने के केस बढ़ जाते हैं। फिलहाल रोजाना 50 से 55 मरीज रोजाना आ रहे हैं।

कोट

रेबीज इंजेक्शन की सप्लाई पीछे से ही नहीं आ रही है। स्थानीय स्तर पर ही खरीदे जा रहे हैं। जल्द ही नागरिक अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे।

– डॉ. संगीता अबरोल, कार्यकारी सिविल सर्जन

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