अशोक गहलोत -सचिन पायलट ही नहीं, राजस्थान कांग्रेस के लिए ये 19 नेता भी बनेंगे चुनौती , जानिए वजह


जयपुर: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ पार्टी के बड़े नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सीधा सियासी घमासान चल रहा है। दूसरी तरफ पार्टी के मंत्री और विधायक आए दिन एक दूसरे के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी करके आपसी में उलझते हुए नजर आ रहे हैं। अब कांग्रेस के उन 19 नेताओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है जो पिछले विधानसभा चुनावों में हार गए थे। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले इन नेताओं का आरोप है कि सरकार की ओर से उन नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है जिन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराने का काम किया। यानी बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले 6 और निर्दलीय चुनाव जीतने वाले 13 विधायकों को सरकार में विशेष अहमियत दी जा रही है। इन 19 विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेस प्रत्याशियों ने पार्टी के मंच पर अपनी पीड़ा उठाई है।

ये 19 कांग्रेसी नेता हैं परेशान

पहले कांग्रेस के उन 19 नेताओं के बारे में जानिए जो अपनी ही पार्टी की सरकार से पीड़ित हैं। इनके नाम हैं विद्याधर चौधरी, मनीष यादव, डॉ. आर सी यादव, सुभाष मील, हिमांशु कटारा, अशोक चांडक, भगवान राम सैनी, रितेश बैरवा, दौलतराम मीणा, डॉ. करण सिंह यादव, सुनील कुमार शर्मा, मुरली लाल गुर्जर, अजय बोहरा, राजेश अग्रवाल, नन्दराम थाकन, जस्साराम राठौड़, जीवाराम आर्य, एमामुद्दीन अहमद और दर्शन सिंह। कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के बावजूद इन्हें सरकार में कोई अहमियत नहीं दी जा रही है। इनके विधानसभा क्षेत्र से जीते निर्दलीयों और बसपा के टिकट पर जीतने वालों को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। इस कारण ये नेता अपनी ही पार्टी से काफी नाराज हैं।

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प्रदेश प्रभारी और पीसीसी चीफ के सामने कर चुके हंगामा

दिसंबर 2022 में कांग्रेस कार्यालय में इन 19 नेताओं ने एकजुट होकर अपनी पार्टी के खिलाफ नाराजगी जताई थी। प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के सामने कुछ नेताओं ने जमकर हंगामा किया। इनका आरोप है कि जिन्होंने कांग्रेस पार्टी के विरोध में चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशियों को हराया। उन्हें सरकार में ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। इन नेताओं का यह भी आरोप है कि चुनाव जीतने वाले उन नेताओं ने सरकार का साथ तो दिया लेकिन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशियों की अनदेखी कर रहे हैं काम करना तो दूर की बात है। किसी भी कार्यक्रम में बुलाते तक नहीं।

सरकार के इशारे पर जनता से लूट करने के आरोप

काग्रेस नेता मनीष यादव, सुभाष मील और विद्याधर चौधरी ने खुलकर आरोप लगाए हैं कि निर्दलीय विधायकों ने खुली लूट मचा रखी है। कांग्रेस के नेता जब उनसे कुछ कहते हैं तो वे सीधे मुख्यमंत्री का नाम लेकर धमकियां देते हैं। ऐसा ही चलता रहा तो कांग्रेस के कार्यकर्ता निराश होंगे। आगामी चुनाव में पार्टी मजबूती के साथ चुनाव कैसे लड़ पाएगी। यह बात शुक्रवार दो जून को विद्याधर चौधरी ने फिर से उठाई तो मंत्री राजेन्द्र यादव ने सबको साथ लेकर चलने की नसीहत दे दी थी। इस नसीहत के बाद चौधरी बिफर गए। उन्होंने कहा कि जो लोग खुलेआम विरोध में हैं उन्हें साथ लेकर कैसे चलें। कांग्रेस के प्रभारी और सह प्रभारियों के सामने यह मामला आ चुका है। अब देखना है कि कांग्रेस कैसे तालमेल बैठाती है (रिपोर्ट रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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