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अल-फलाह स्टूडेंट्स-स्टाफ को घरों से निकाल रहे मालिक: यूनिवर्सिटी के आसपास जांच एजेंसियों के रडार पर आने का डर; पुलिस बोली-वेरिफिकेशन जरूरी – Faridabad News Chandigarh News Updates

अल-फलाह स्टूडेंट्स-स्टाफ को घरों से निकाल रहे मालिक:  यूनिवर्सिटी के आसपास जांच एजेंसियों के रडार पर आने का डर; पुलिस बोली-वेरिफिकेशन जरूरी – Faridabad News Chandigarh News Updates

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फरीदाबाद में गांव धौज स्थित बनी अल-फलाह यूनिवर्सिटी और चेकिंग अभियान चलाती पुलिस टीम। फाइल फोटो

दिल्ली ब्लास्ट से तार जुड़ने के बाद से जांच के दायरे में आई फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स व स्टाफ के लिए नई दिक्कत पैदा हो गई है। जो स्टूडेंट्स या स्टाफ आस-पास के इलाकों में किराये पर रह रहे हैं, उन्हें मकान खाली करने को कहा जा रहा है

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दरअसल, कैंपस के बाहर सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स पीजी या किराये पर कमरे लेकर रह रहे हैं। अब मकान मालिक इन्हें कमरे खाली करने का अल्टीमेटम दे रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यही है कि जांच एजेंसियों की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाई के चलते कोई भी मकान मालिक परेशानी में फंसना नहीं चाहता।

क्योंकि, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ से पूछताछ कर रही है। आतंकी नेटवर्क में शामिल डॉ शाहीन सईद, डॉ. मुजम्मिल शकील और सुसाइड बाम्बर बने डॉ उमर नबी के संपर्क में रहने वाले लोगों से पूछताछ अभी तक जारी है।

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ से पूछताछ कर रही है

यूनिवर्सिटी में 2 हजार स्टूडेंट्स, 5 राज्यों से ज्यादा अल-फलाह यूनिवर्सिटी में दो हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। इनमें से सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, यूपी से हैं। बहुत सारे स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी हॉस्टल की बजाय आसपास के इलाकों में किराये पर रहते हैं। खासकर गांव धौज और फतेहपुरा तगा में काफी घरों में किराये पर कमरे लेते है।

इन्हीं गांवों में करीब 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट व अन्य विस्फोटक मिला था। पुलिस दोनों ही गांवों में कई मकान मालिकों से पूछताछ कर चुकी है। इस वजह से मकान मालिकों ने अब बाहरी स्टूडेंट और स्टाफ को कमरे खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है।

मकान मालिक बोले- कौन पचड़े में पड़े मकान मालिकों के तर्क है कि कौन जांच के पचड़े में पड़े। यूनिवर्सिटी के अलावा भी तो किरायेदार मिल जाएंगे। अचानक से कमरे खाली करने के अल्टीमेटम के बाद स्टूडेंट्स और स्टाफ दोनों के सामने रहने की व्यवस्था करने की परेशानी खड़ी हो गई है। क्योंकि इस माहौल में उनको कोई दूसरा किराए पर कमरा या मकान देने के लिए तैयार नहीं है।

दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी नेटवर्क में शामिल आतंकी डॉक्टर

दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी नेटवर्क में शामिल आतंकी डॉक्टर

स्टाफ कर्मी बोले- एकदम से कहां शिफ्ट हो गांव धौज में अपने कुछ साथियों के साथ रह रहे एक स्टाफ कर्मचारी ने बताया कि नवंबर महीने के किराया पूरा होने के बाद से ही उनको मकान खाली करने के लिए बोल दिया गया था। मगर, कोई दूसरी जगह न मिलने के कारण वो शिफ्ट नहीं हो पा रहे हैं। मकान मालिक लगातार उन पर खाली करने का दबाव बना रहा है। पुलिस की जांच में कोई भी नही फंसना चाहता है, इसलिए मकान मालिक अपनी जगह खाली करवा रहे हैं।

यूनिवर्सिटी शहर से काफी दूरी पर उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी शहर से काफी दूरी पर है। ये दोनों गांव नजदीक हैं, इसलिए स्टाफ के बहुत सारे कर्मचारी यहां पर मकान और कमरा लेकर रहते हैं। शहर में रहकर यहां पर पढ़ाई और काम करने आना बेहद परेशानी वाला है। क्योंकि यहां तक आने के लिए कोई सरकारी ट्रांसपोर्ट नहीं है। स्टाफ कर्मचारियों के अलावा काफी स्टूडेंट्स भी ग्रुप में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। अब सभी को कमरा खाली करने के लिए बोल दिया गया है।

मदद के लिए पुलिस को शिकायत दी मकान मालिकों द्वारा कमरा खाली कराने का ये मामला पुलिस तक भी पहुंच गया है। फरीदाबाद पुलिस को 12 के करीब ऐसी शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें स्टूडेंट्स और स्टाफ ने मदद मांगी है। इसमें उन्होंने कहा है कि वो एकदम से दूसरी जगह पर शिफ्ट नहीं हो सकते है। दूसरी जगह शिफ्ट होने के लिए वह महीने भर का समय मांग रहे हैं। इनका कहना है कि मकान मालिक उनकी कोई बात नहीं सुन रहे हैं।

मकान मालिक किराएदारों की वेरिफिकेशन कराएं NIT DCP मकसूद अहमद ने बताया कि मकान मालिकों को निर्देश दिए गए हैं कि जहां पर स्टूडेंट और स्टाफ किराए के मकान या फिर कमरा लेकर रह रहे हैं, वो किरायेदारों की पुलिस वेरिफिकेशन करा लें। ताकि उनको किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। पुलिस अपने स्तर पर पुलिस वेरिफिकेशन का अभियान शहर में चलाए हुए है। पुलिस लोगों की मदद के लिए हर समय खड़ी है।

10 नवंबर को गांव धौज और फतेहपुर तगा से 2900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी

10 नवंबर को गांव धौज और फतेहपुर तगा से 2900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी

दोनों गांवों में किराये के कमरों में मिला विस्फोटक जम्मू -कश्मीर पुलिस द्वारा डॉ. मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद 10 नवंबर को गांव धौज में एक कमरे से 360 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। डॉ. मुजम्मिल ने यहां पर इस सामग्री को रखवाया था। मुजम्मिल ने अपने एक दोस्त के रहने की बात कहकर 2400 रुपए में 2 महीने के लिए किराए पर कमरा लिया था। यहां पर डॉक्टर मुजम्मिल ने अमोनियम नाइट्रेट 8 बड़े सूटकेस और 4 छोटे सूटकेस में छुपा कर रखा हुआ था। यहां से पुलिस को 20 टाइमर और 20 बैटरी भी मिली थी।

यूनिवर्सिटी से कुछ ही दूर बसे गांव फतेहपुरा तगा से पुलिस को उसी दिन 2540 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद हुई थी। फतेहपुरा तगा में भी डॉ. मुजम्मिल ने मस्जिद के मौलवी इश्तियाक के घर के एक कमरे को 1500 रुपए महीने के हिसाब से किराए पर सामान रखने की बात कहकर लिया था। दोनों ही यूनिवर्सिटी के दाएं-बाएं बसे हुए हैं।

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दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी मॉड्यूल का सेंटर पॉइंट बनी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी इन दिनों फैकल्टी की कमी का सामना कर रही है। इसके चलते MBBS फर्स्ट ईयर के छात्रों को एक सप्ताह की लीव पर घर भेजा जा रहा है। यूनिवर्सिटी के अंदर आतंकी नेटवर्क खड़ा कर रहे लेडी आतंकी डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील के गिरफ्तार होने के बाद से लगातार स्टाफ यहां से जॉब छोड़कर जा रहा है। (पूरी खबर पढ़ें)

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