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वॉशिंगटन13 मिनट पहले

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अमेरिकी अधिकारियों के यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की जानकारी से जुड़ी चैट लीक होने को लेकर बुधवार को सीनेट में सुनवाई हुई। नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने कहा कि ग्रुप चैट में कोई भी गोपनीय जानकारी शेयर नहीं की गई थी।
सुनवाई के दौरान ट्रम्प के मंत्रियों ने कहा कि सैन्य हमले की चर्चा के लिए मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करना कोई गलत बात नहीं थी। रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने प्लान को सिग्नल ऐप पर एक सीक्रेट ग्रुप चैट में शेयर किया था। इस ग्रुप में द अटलांटिक मैगजीन के मुख्य संपादक जैफ्री गोल्डबर्ग भी जुड़े हुए थे।
इसे लेकर डेमोक्रेटिक सांसदों ने डेमोक्रेटिक सांसदों ने हेगसेथ की इस्तीफे की मांग की है। सीनेट में डेमोक्रेटिक सांसदों ने कहा कि

इस चैट को दुश्मन देश इंटरसेप्ट कर सकते थे। अगर हूती विद्रोहियों को यह चैट मिल जाती, तो अमेरिकी पायलटों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी।

डेमोक्रेटिक सांसदों ने कहा कि यह चैट लीक ट्रम्प प्रशासन की सबसे बड़ी भूलों में से एक है।
अटलांटिक के पत्रकार को 2 घंटे पहले प्लान पता चला
अमेरिकी रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने 15 मार्च को यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी हमले के प्लान को लीक कर दिया था। व्हाइट हाउस ने 24 मार्च को इसकी जानकारी दी।
जेफ्री गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें गलती से इस ग्रुप चैट में जोड़ दिया गया था। यह ग्रुप सिक्योर मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर बनाया गया था। जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज ने बनाया था। इस ग्रुप में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी शामिल थे।
गोल्डबर्ग ने लिखा कि 15 मार्च को सुबह 11:44 बजे हेगसेथ ने यमन पर होने वाले हमलों की जानकारी शेयर की थी। इसमें टारगेट्स और इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के अलावा कौन-सा हमला कब और कहां किया जाना है, इसकी जानकारी भी थी।

अटलांटिक मैगजीन ने गोल्डबर्ग को चैट ग्रुप में एड करने का स्कीनशॉट शेयर किया।
हूती पीसी स्मॉल ग्रुप चैट से हुआ खुलासा
इस सिग्नल चैट का नाम हूती पीसी स्मॉल ग्रुप था। इसमें हमले के समय और उसकी रणनीति से जुड़ी जानकारियां थीं। 15 मार्च को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर हेगसेथ ने एक मैसेज भेजकर मिशन का रियल-टाइम अपडेट दिया। उन्होंने लिखा कि मौसम अनुकूल है और सेंट्रल कमांड ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है।
इसके बाद उन्होंने F-18 लड़ाकू विमानों और MQ-9 ड्रोन के लॉन्चिंग टाइम और हमलों की टाइमलाइन शेयर की। मैसेज के मुताबिक पहला बम दोपहर 2:15 बजे गिराया जाना था।

चैट में शेयर किए मैसेज की डीटेल्स
– 12:15 बजे F-18 लड़ाकू विमान से हमला (पहली स्ट्राइक टीम)
– 13:45 बजे- टारगेट सेट, ड्रोन (MQ-9) हमले के लिए तैयार
– 14:10 बजे- F-18 विमानों ने उड़ान भरी (दूसरी स्ट्राइक टीम)
– 14:15 बजे- ड्रोन हमले (यही समय पहली बमबारी का होगा)
– 15:36 बजे- दूसरी स्ट्राइक टीम सक्रिय, समुद्र से पहली टॉमहॉक मिसाइलें लॉन्च

व्हाइट हाउस ने कहा- चैट में कोई गोपनीय जानकारी नहीं
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट के मुताबिक चैट में कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी। हालांकि लीविट ने कहा कि चैट के लीक होने पर सरकार को आपत्ति हैं।
व्हाइट हाउस ने अभी तक किसी भी तरह की कार्रवाई की बात नहीं कही है। लेकिन इंटरनल जांच शुरू कर दी है।
NYT ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि रक्षा विभाग ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि रूस सिग्नल ऐप को हैक करने की कोशिश कर रहा है।
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