[ad_1]
Tariff Cut On US Liquor: अमेरिका की बर्बन व्हिस्की पर टैरिफ घटाने के खिलाफ भारत की शराब लॉबी उतर आई है. इनका दावा है कि टैरिफ घटाने से यह अमेरिकी शराब भारत में डंप किया जाएगा, जो भारत की वाइन इंडस्ट्रीज को बर्बाद कर देगा. द कंफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक वीवरेज कंपनीज ने राज्य सरकारों से बर्बन व्हिस्की पर राज्यों के स्तर पर दी जा रही कर रियायत को खत्म करने की मांग की है.
इसे भारत की अल्कोहल इंडस्ट्रीज को बचाने के लिए जरूरी बताया है. संस्था के डायरेक्टर जेनरल अनंत एस अय्यर ने भारत सरकार से भी इस दिशा में उचित कदम उठाने की मांग की है. खासकर विदेश में भारत के लिकर की बिक्री का रास्ता साफ करने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया है.
करोड़ों डॉलर का हो सकता है नुकसान
भारत सरकार ने बर्बन व्हिस्की पर टैरिफ 150 फीसदी से घटाकर 100 फीसदी कर दी है. साथ ही कई तरह की वाइन पर भी टैक्स कम किया गया है. ताजे अंगूरों से बनी वाइन, वर्माउथ और कुछ दूसरे फरमेंटेड बेवरेजेज पर भी अब इम्पोर्ट ड्यूटी घटाकर 100 फीसदी कर दी गई है.
इसी तरह 80 फीसदी अल्कोहल वाले शुद्ध एथिल अल्कोहल पर भी यही दर लागू होगी. पिछले वित्तीय वर्ष में इन सभी उत्पादों का कुल आयात लगभग एक अरब डॉलर का था. यानी सरकार को इम्पोर्ट ड्यूटी के रूप में करोड़ों डॉलर मिले थे. लेकिन अब सरकार को इससे नुकसान होगा.
अमेरिका के केंटुकी में बनाई जाती है बर्बन व्हिस्की
बर्बन व्हिस्की पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 50 फीसदी तय की गई है. इसके अलावा इस पर 50 फीसदी का एग्रीकल्चर सेस भी लगेगा. बर्बन व्हिस्की अमेरिका के केंटुकी राज्य में बनाई जाती है. इसको बनाने में कम से कम 51 फीसदी मक्के का यूज किया जाता है. पिछले साल बर्बन से जुड़ी दो टैरिफ लाइन्स का आयात लगभग 2.6 मिलियन डॉलर था, जबकि अमेरिका से इसका आयात 0.8 मिलियन डॉलर था. आयात शुल्क में यह कटौती गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की मुलाकात से कुछ घंटे पहले नोटिफाई की गई. इस मीटिंग में सबसे ज्यादा चर्चा टैरिफ पर ही हुई.
ये भी पढ़ें:
[ad_2]
अमेरिकी व्हिस्की पर सरकार ने घटाई टैरिफ…तो खिलाफ हो गई इंडियन शराब कंपनियों की लॉबी