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US Oil Exports to India: अमेरिका के रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत में रूस के ऑयल एक्सपोर्ट में लगभग 25 परसेंट तक की कमी आई है, जबकि अमेरिका से तेल के आयात पर 100 परसेंट तक का इजाफा हुआ है. यह अमेरिका से एनर्जी की खरीद को 25 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
अमेरिका और सऊदी से तेल खरीद रहा भारत
ET ने एनर्जी कार्गो ट्रैकर वोर्टेक्सा के डेटा के हवाले से बताया, रूसी बंदरगाहों ने 1-20 फरवरी के दौरान भारत के लिए औसतन 1.07 मिलियन बैरल प्रति दिन (एमबीडी) कच्चा तेल लोड किया, जो जनवरी में लोड हुए 1.4 एमबीडी से कम है. इसके विपरीत, भारत के लिए अमेरिकी बंदरगाहों की कच्चे तेल की लोडिंग जनवरी में 0.11 एमबीडी से बढ़कर 0.2 एमबीडी हो गई.
इसी तरह से सऊदी अरब से भी भारत को होने वाले कच्चे तेल का निर्यात 1-20 फरवरी के दौरान 0.77 एमबीडी से बढ़कर 0.91 एमबीडी हो गया, जबकि इराक का निर्यात 0.8 एमबीडी से बढ़कर 1.08 एमबीडी हो गया. पिछले महीने के मुकाबले भारत के लिए यूएई का निर्यात 0.48 एमबीडी से घटकर 0.31 एमबीडी हो गया.
भारत के लिए रूसी कच्चे तेल की लोडिंग हुई कम
वोर्टेक्सा के एनालिस्ट रोहित राठौड़ के मुताबिक, हम देख रहे हैं कि रूस से भारत को निर्यात में कमी आई है, जबकि इसकी भरपाई के लिए दूसरे सप्लायर्स एक्सपोर्ट बढ़ा रहे हैं. रूसी लाइट स्वीट ईएसपीओ ब्लेंड कार्गो की कमी को पूरा करने के लिए भारत अमेरिका से इम्पोर्ट बढ़ा सकता है. भारत के लिए रूसी कच्चे तेल की लोडिंग रूस पर लगाए अमेरिकी प्रतिबंध के चलते प्रभावित हुई है.
कहीं न कहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर दबाव है कि वह अमेरिका से अधिक से अधिक एनजी की सप्लाई करे ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार में असंतुलन को कम करने में मदद मिले. इस महीने प्रधानमंत्री मोदी के साथ ट्रंप की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि निकट भविष्य में भारत की अमेरिकी ऊर्जा खरीद दो-तिहाई बढ़कर 25 बिलियन डॉलर हो जाएगी.
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