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अमेरिकी नौसेना ने अपने ही फाइटर जेट पर मिसाइल दागी: यमन पर एयरस्ट्राइक के दौरान हादसा, दोनों पायलट सुरक्षित निकले Today World News

अमेरिकी नौसेना ने अपने ही फाइटर जेट पर मिसाइल दागी:  यमन पर एयरस्ट्राइक के दौरान हादसा, दोनों पायलट सुरक्षित निकले Today World News

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वॉशिंगटन2 मिनट पहले

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फुटेज यमन पर एयरस्ट्राइक करने जा रहे अमेरिकी विमानों की है।

अमेरिकी नौसेना ने रविवार को लाल सागर में अपने ही एक फाइटर जेट को मिसाइल दागकर मार गिराया है। ये घटना यमन में हूती विद्रोहियों पर एयरस्ट्राइक के दौरान हुई। विमान में सवार दोनों पायलट सुरक्षित बच गए हैं। इनमें से एक पायलट को मामूली चोटें आई हैं।

अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि ये घटना गलती से हुई है। हादसे में F/A-18 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। इस विमान ने USS हैरी एस. ट्रूमन एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के बाद USS गेटिसबर्ग मिसाइल क्रूजर ने गलती से विमान पर हमला कर दिया।

USS गेटिसबर्ग अमेरिका का एक गाइडेड मिसाइल क्रूजर है, जो दुश्मनों के विमानों और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराता है।

यमन में हूतियों के ठिकानों को निशाना बनाया

अमेरिकी सेना ने शनिवार देर रात यमन की राजधानी सना में एयरस्ट्राइक कर विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए। इन हमलों में हूती विद्रोहियों के मिसाइल स्टोरेज सेंटर और कमांड सेंटर को निशाना बनाया गया।

अमेरिकी सेना के मुताबिक उसने ये एयरस्ट्राइक दक्षिणी लाल सागर, बाब अल-मन्देब और अदन की खाड़ी में अमेरिकी नौसेना के युद्धपोतों और कार्गो शिप हूती विद्रोहियों के हमलों को रोकने के लिए की है। सेना ने बताया कि उसने हूती विद्रहियों के कई ड्रोन और एक क्रूज मिसाइल को भी मार गिराया है।

अमेरिका और ब्रिटेन ने पिछले कुछ महीनों में यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले तेज किए हैं। अमेरिकी सेना ने बताया था कि एयरक्राफ्ट कैरियर ट्रूमैन 15 दिसंबर को मिडिल-ईस्ट में पहुंच गया है। हालांकि तब ये साफ नहीं किया गया था कि उसे लाल सागर में तैनात किया गया है। इसके बाद से अमेरिकी हमलों में तेजी आई है।

अक्टूबर में B2 बॉम्बर से हमला किया था।

अमेरिकी एयरफोर्स ने 17 अक्टूबर को यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी की थी। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बताया था कि एयरफोर्स ने B-2 स्टील्थ बॉम्बर से यमन की राजधानी सना के नजदीक 5 ठिकानों को निशाना बनाया।

ऑस्टिन के मुताबिक इस हमले के लिए राष्ट्रपति बाइडेन ने निर्देश दिए थे। ये हमले हूती विद्रोहियों के हथियारों को नष्ट करने के मकसद किए गए थे। हूती विद्रोहियों ने भी हमले की पुष्टि की थी। हालांकि इसमें कितना नुकसान हुआ है इस बारे में उन्होंने जानकारी नहीं दी। हूती के डिप्टी हेड नसरुद्दीन आमेर ने कहा था कि अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी होगी।

अमेरिका ने हमला करने से एक महीने पहले ही में हिंद महासागर में मौजूद सीक्रेट मिलिट्री बेस डिएगो गार्सिया पर B-2 स्टील्थ बॉम्बर की तैनाती की थी।

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पूरी खबर यहां पढ़ें….

अमेरिकी युद्धपोतों पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों का हमला:कई ड्रोन और मिसाइल दागीं; पिछले महीने अमेरिका ने किया था हमला

यमन के हूती विद्रोहियो ने पिछले महीने लाल सागर में दो अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाया था। इस दौरान ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने युद्धपोतों पर कई मिसाइल और ड्रोन हमले किए। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि भी की थी। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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