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इस समय पूरी दुनिया की नजरें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को लेकर होने वाली घोषणा पर टिकी हुई है। ट्रंप अमेरिकी समयानुसार बुधवार शाम 4 बजे एक प्रोग्राम में टैरिफ की घोषणा करेंगे। वे आज सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने वाले हैं। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के चेयरमैन एस सी रल्हन ने बुधवार को कहा कि भारतीय निर्यातक समुदाय अमेरिका के संभावित जवाबी शुल्क को लेकर‘बहुत’चिंतित है, क्योंकि यह अमेरिका को किए जाने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) के निर्यात को गंभीर रूप से चोट पहुंचा सकता है।
MSME पर पड़ सकता है गंभीर असर
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को आगे आना चाहिए और निर्यातकों का इन शुल्क से निपटने के लिए सपोर्ट करना चाहिए। रल्हन ने पीटीआई-भाषा से कहा,“10 फीसदी की लिमिट में रेसिप्रोकल टैरिफ मैनेजेबल है, लेकिन इससे ज्यादा टैरिफ से भारतीय निर्यातक समुदाय, विशेष रूप से एमएसएमई पर गंभीर असर पड़ सकता है।”उन्होंने कहा कि अमेरिकी शुल्क निश्चित रूप से अमेरिकी बाजार में भारतीय माल की मांग को प्रभावित करेंगे। खरीदार पहले से ही अपने ऑर्डर रोक रहे हैं, क्योंकि आयात शुल्क को लेकर अनिश्चितता है।
ये सेक्टर्स हो सकते हैं प्रभावित
एग्रीकल्चर, कीमती पत्थर, केमिकल, फार्मा, चिकित्सा उपकरण, इलेक्ट्रिकल और मशीनरी समेत विभिन्न सेक्टर्स के प्रोडक्ट अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित हो सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि गुरुवार सुबह (भारत के समय) के लिए निर्धारित टैरिफ घोषणाएं अमेरिका के लिए एक‘मुक्ति दिवस’होंगी। रल्हन ने कहा कि इन शुल्कों का प्रभाव 2025-26 की पहली तिमाही के व्यापारिक आंकड़ों में दिख सकता है।
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अमेरिकी टैरिफ से MSME पर पड़ सकता है गंभीर असर, ये सेक्टर्स भी होंगे प्रभावित – India TV Hindi