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बैरी स्टर्नलिक्ट रियल स्टेट कंपनी स्टारवुड कैपिटल ग्रुप के CEO हैं।
न्यूयॉर्क सिटी के मशहूर रियल एस्टेट अरबपति बैरी स्टर्नलिक्ट ने आशंका जताई है कि ममदानी की लीडरशिप में शहर हालात बदतर हो सकते हैं। CNBC न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क भी मुंबई के जैसा बन सकता है।
दरअसल ममदानी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कई बड़े वादे किए थे। इनमें घरों के किराए को फ्रीज करना यानी बढ़ने से रोकना, शहर में मुफ्त बस सर्विस शुरू करना और छोटे बच्चों के लिए मुफ्त चाइल्डकेयर देना शामिल है।
इसे लेकर स्टर्नलिक्ट का मानना है कि किराया फ्रीज करने और किरायेदारों को ज्यादा छूट देने से मकान मालिकों की हालत खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा- अगर एक किरायेदार किराया नहीं देता और उसे निकाला नहीं जा सकता, तो बाकी लोग भी नहीं देंगे। धीरे-धीरे पूरा सिस्टम टूट जाएगा और न्यूयॉर्क मुंबई जैसा बन जाएगा।
स्टारवुड बोले- ममदानी के मुद्दे सही, लेकिन लागू करने मुश्किल
स्टारवुड कैपिटल ग्रुप के CEO स्टर्नलिक्ट ने कहा कि न्यूयॉर्क में पहले से ही रियल एस्टेट की लागत बहुत ज्यादा है और इसका एक बड़ा कारण मजदूर यूनियनें हैं। इन यूनियनों की वजह से किसी भी प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है और आम लोगों के लिए घर बनाना या खरीदना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने कहा- न्यूयॉर्क में हर प्रोजेक्ट यूनियन के साथ करना पड़ता है, जिससे लागत बहुत बढ़ जाती है। यही वजह है कि यहां घर इतने महंगे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ममदानी सही मुद्दों की बात तो कर रहे हैं, जैसे कि शहर में ज्यादा घर बनाना जरूरी है, लेकिन इसे करना आसान नहीं होगा। उनके मुताबिक, अगर सरकार जरूरी मदद नहीं देगी और यूनियनें अपने नियमों में ढील नहीं देंगी, तो नए घर बनाना आर्थिक रूप से असंभव होगा।

कहा- समाजवाद अब तक दुनिया में कहीं सफल नहीं
स्टर्नलिक्ट ने सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने याद दिलाया कि ममदानी पहले पुलिस विभाग के बजट में कटौती की बात कर चुके हैं। अगर लोगों को लगेगा कि उनके बच्चे सड़क पर सुरक्षित नहीं हैं, तो वे शहर छोड़ देंगे। अगर पुलिस को सम्मान और समर्थन नहीं मिला, तो हालात बिगड़ जाएंगे।
उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी पहले ही मिडटाउन मैनहटन से अपना दफ्तर शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। आखिर में स्टर्नलिक्ट ने कहा कि उम्मीद है ममदानी इतिहास से सीखेंगे, क्योंकि समाजवाद अब तक दुनिया में कहीं भी सफल नहीं हुआ है।
ममदानी न्यूयॉर्क के पहले भारतवंशी मेयर बनेंगे
जोहरान ममदानी ने 4 नवंबर को न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो को हराया। ममदानी पिछले 100 सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा, पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर होंगे। उनका शपथ ग्रहण 1 जनवरी को होगा।
ममदानी खुद को ‘डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट’ कहते हैं, यानी वे कॉर्पोरेट्स के बजाय आम लोगों की नीतियों के पक्षधर हैं। ममदानी डेमोक्रेटिक पार्टी के वामपंथी धड़े (DSA) से जुड़े हैं। यह गुट बड़ी कंपनियों, अरबपतियों और डेमोक्रेटिक पार्टी की पारंपरिक नीतियों का विरोधी है।
ममदानी के 4 बड़े चुनावी वादे
- घरों का किराया फ्रीज करना, ताकि किराएदारों पर महंगाई का बोझ न बढ़े।
- सभी के लिए फ्री बस सर्विस, कामकाजी तबका और छात्रों को राहत मिले।
- सरकारी किराना दुकानें खोलना, ताकि जरूरी चीजें किफायती दामों पर मिलें।
- बच्चों के लिए मुफ्त डे-केयर सुविधा, जिससे कामकाजी परिवारों को राहत मिले।
न्यूयॉर्क: दुनिया का सबसे ताकतवर शहर
न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका का दिल कहा जाता है। यहां का मेयर होना सिर्फ एक शहर का मुखिया बनना नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक कुर्सियों में से एक पर बैठने जैसा है। यही वजह है कि इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें थीं।
न्यूयॉर्क की सालाना GDP करीब 2.3 ट्रिलियन डॉलर है। यानी कि अकेला न्यूयॉर्क सिटी, पूरे भारत की GDP के लगभग आधे से भी ज्यादा है। न्यूयॉर्क का मेयर शहर के प्रशासन, पुलिस, ट्रांसपोर्ट, हाउसिंग, एजुकेशन और हेल्थ सिस्टम पर कंट्रोल रखता है।
न्यूयॉर्क सिटी का अपना अलग बजट (100 अरब डॉलर से ज्यादा) और नियम-कानून हैं। मेयर तय करते हैं कि टैक्स का पैसा कहां खर्च होगा, कौन-सी नीतियां लागू होंगी, और शहर किस दिशा में बढ़ेगा। यानी कि यह एक मिनी-प्रधानमंत्री जैसा रोल है।
न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। यहां वॉल स्ट्रीट है, दुनिया की मीडिया कंपनियां हैं और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भी यहीं है। इसलिए मेयर के फैसले सिर्फ शहर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर डालते हैं।

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