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अमेरिका में भारतीय छात्र बदर खान सूरी गिरफ्तार: हमास के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप; वापस भारत भेजा जा सकता है Today World News

अमेरिका में भारतीय छात्र बदर खान सूरी गिरफ्तार:  हमास के लिए प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप; वापस भारत भेजा जा सकता है Today World News

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वॉशिंटन डीसी3 मिनट पहले

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तस्वीर भारतीय छात्र बदर खान सूरी की है। (सोशल मीडिया)

अमेरिका के इमिग्रेशन अधिकारियों ने सोमवार रात एक भारतीय छात्र बदर खान सूरी को वर्जीनिया से गिरफ्तार किया है। सूरी पर अमेरिका में हमास के समर्थन में प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प विदेश नीति का विरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर रही है।

सूरी को भी इसी कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया है। उस पर इजराइल का विरोध करने के आरोप लगे हैं। सूरी स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी का छात्र है। वह सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग में पोस्टडॉक्टोरल फेलो के रूप में अध्ययनरत है।

अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग में सहायक सचिव ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने X पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि सूरी सक्रिय तौर पर हमास का प्रचार कर रहा था और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा था। उसे अमेरिका से निर्वासित किया जा सकता है।

ट्रिशिया ने दावा किया कि सूरी के संदिग्ध आतंकवादी से घनिष्ठ संबंध हैं, जो हमास का वरिष्ठ सलाहकार है।

ट्रिशिया ने दावा किया कि सूरी के संदिग्ध आतंकवादी से घनिष्ठ संबंध हैं, जो हमास का वरिष्ठ सलाहकार है।

हमास का समर्थन करने पर भारतीय छात्रा का वीजा रद्द

अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ रही भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन का इसी महीने वीजा रद्द कर दिया गया था। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने आरोप लगाया है कि श्रीनिवासन ‘हिंसा-आतंकवाद को बढ़ावा देने’ और हमास का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल थीं। वीजा रद्द होने के बाद रंजनी ने अमेरिका छोड़ चुकी हैं।

DHS के मुताबिक रंजनी को F-1 स्टूडेंट वीजा के तहत कोलंबिया यूनिवर्सिटी के अर्बन प्लानिंग में PhD करने के लिए एडमिशन मिला था। अमेरिकी विदेश विभाग ने 5 मार्च को उनका वीजा निरस्त कर दिया था। इसके बाद रंजनी ने 11 मार्च को अमेरिका छोड़ दिया।

DHS की सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इस देश में रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ रही भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन (दाएं)। फोटो- सोशल मीडिया

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ रही भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन (दाएं)। फोटो- सोशल मीडिया

ट्रम्प प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी को 33 अरब रुपए की मदद रोकी

ट्रम्प प्रशासन ने मार्च की शुरुआत में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 33 अरब रुपए) के अनुदान को रद्द कर दिया था। प्रशासन ने यूनिवर्सिटी पर यहूदी छात्रों के हो रहे उत्पीड़न को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

अमेरिकी शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग, न्याय विभाग और सामान्य सेवा प्रशासन की जॉइंट टास्क फोर्स टु कॉम्बैट एंटी-सेमिटिज्म ने यह कार्रवाई की।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यहूदी छात्रों की सुरक्षा करने में विफल रहने और विरोध-प्रदर्शनों की इजाजत देने वाली यूनिवर्सिटीज को फेडरल ग्रांट (संघीय वित्तीय सहायता) न देने की चेतावनी दी है।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी ज्यूडिशियल बोर्ड ने गाजा को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान हैमिल्टन हॉल पर कब्जे में शामिल छात्रों पर सख्त कार्रवाई की है।

फिलिस्तीन समर्थकों ने हैमिल्टन हॉल का नाम हिंद हॉल कर दिया था। हिंद गाजा में रहने वाली 6 साल की एक बच्ची थी, जिसकी जंग में मौत हो गई।

फिलिस्तीन समर्थकों ने हैमिल्टन हॉल का नाम हिंद हॉल कर दिया था। हिंद गाजा में रहने वाली 6 साल की एक बच्ची थी, जिसकी जंग में मौत हो गई।

फिलिस्तीनी छात्रा और प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने वेस्ट बैंक की एक फिलिस्तीनी छात्रा लेका कोर्डिया को गिरफ्तार किया था। लेका 2022 से एक्सपायर स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में रह रही थी। उसे अप्रैल 2024 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में हमास समर्थक प्रदर्शनों में शामिल होने की वजह से हिरासत में लिया गया था।

इसके अलावा ट्रम्प प्रशासन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन के स्टूडेंट महमूद खलील को गिरफ्तार किया है। खलील पर इजराइल विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने का आरोप है। इमिग्रेशन अधिकारियों ने खलील को डिटेंशन सेंटर भेज दिया है। खलील फिलिस्तीनी मूल का है। वह अमेरिका का स्थायी निवासी भी है।

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