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सीरियाई विद्रोहियों ने देश की राजधानी दमिश्क और राष्ट्रपति बशर अल-असद के आलीशान महल पर कब्जा कर लिया है। 59 वर्षीय तानाशाही राष्ट्रपति बशर अल-असद युद्ध प्रभावित देश सीरिया को छोड़कर मॉस्को पहुंच गए। जहां उन्हें रूस द्वारा शरण दी गई है। वहीं, अमेरिका ने विद्रोहियों के कब्जे के बीच सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के ठिकानों पर कई हवाई हमले किए हैं।
ISIS को उभरने से रोकना अमेरिका का मकसद
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि उसके सुरक्षा बलों ने रविवार को मध्य सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर दर्जनों हवाई हमले किए। इन अमेरिकी हवाई हमलों का उद्देश्य युद्धग्रस्त देश में इस्लामिक स्टेट के फिर से उभरने को रोकना है।
75 से अधिक किए गए हवाई हमले
इस ऑपरेशन में B-52, F-15 और A-10 सहित कई अमेरिकी वायु सेना के बलों का उपयोग करके 75 से अधिक टार्गेट पर हमला किया गया है। सीरिया में ISIS के बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए अमेरिका आगे भी हमला जारी रखेगा।
ISIS को मिलेगा करारा जवाब- US
जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि हम ISIS को पुनः संगठित होने और सीरिया में वर्तमान स्थिति का लाभ उठाने की अनुमति नहीं देंगे।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘सीरिया में सभी संगठनों को पता होना चाहिए कि यदि वे किसी भी तरह से ISIS के साथ साझेदारी करते हैं या उसका समर्थन करते हैं तो हम उन्हें करारा जवाब देंगे।
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विद्रोहियों ने जेल में घुस कर कैदियों को रिहा कराया
राष्ट्रपति के देश छोड़कर भागते ही सीरिया में विद्रोहियों ने सैकड़ों कैदियों को रिहा कर दिया, जो असद के शासन के दौरान दशकों तक जेल में बंद रहे थे। जश्न के इस माहौल में कुछ लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ भी की।
राष्ट्रपति असद और उनके परिवार की तोड़ी गईं मूर्तियां
विद्रोहियों द्वारा कर्फ्यू घोषित किए जाने से पहले शहर के लोग जरूरी सामान लेकर चले गए। सीरिया के विभिन्न हिस्सों में असद और उनके परिवार के पोस्टर, बैनर और मूर्तियों को गिरा दिया गया और उन पर तोड़फोड़ भी की गई।
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