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चीन ने 11 अप्रैल को अमेरिकी सामान पर 125% टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में ट्रम्प ने 245% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाने के फैसले को फिर से 90 दिनों के लिए टाल दिया है। सोमवार को ट्रम्प ने US-चीन टैरिफ डेडलाइन 9 नवंबर तक बढ़ाने के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया।
इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच 11 मई को जिनेवा में ट्रेड डील हुई थी। इसमें टैरिफ बढ़ाने के फैसले को 90 दिन के लिए टालने की सहमति बनी थी। अमेरिका ने चीन पर फिलहाल 30% टैरिफ लगा रखा है।
अमेरिका और चीन के बीच लंबी टैरिफ वॉर चली। ट्रम्प ने चीन पर 245% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। चीन ने जवाब में 125% टैरिफ लगाने की बात कही। हालांकि जिनेवा ट्रेड डील के बाद यह लागू नहीं हुआ।
डेडलाइन बढ़ाने से पहले सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प से चीन पर टैरिफ बढ़ाने पर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा,
देखते हैं क्या होता है। वे काफी अच्छे से काम कर रहे हैं। मेरा और राष्ट्रपति जिनपिंग का रिश्ता काफी अच्छा है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले थे- चीन पर टैरिफ लगाना मुश्किल

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाने के सवाल पर सोमवार को कहा कि ऐसा कदम उठाना ज्यादा मुश्किल और नुकसानदेह हो सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में वेंस ने कहा कि चीन पर टैरिफ लगाने का विचार चल रहा है, लेकिन अभी कोई पक्का फैसला नहीं हुआ है। पूरी खबर पढ़ें…

चीन ने जुलाई में ₹83 हजार करोड़ का तेल खरीदा
जुलाई में चीन ने रूस से 10 अरब डॉलर से ज्यादा का तेल खरीदा है। हालांकि इस साल अब तक की कुल खरीद 2024 की तुलना में 7.7% कम है।
चीन ने रूस से तेल खरीदने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि किसी भी देश के साथ आर्थिक और ऊर्जा सहयोग करना चीन का कानूनी अधिकार है। वह अपने राष्ट्रीय हितों के मुताबिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
ट्रम्प के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने इससे पहले कहा था कि चीन पर और ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा, इसकी संभावना कम है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसा करने से अमेरिका को भी नुकसान हो सकता है।

भारत पर अमेरिका ने एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पिछले सप्ताह रूस से तेल खरीदने की दलील देकर भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके बाद भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया। एक्स्ट्रा टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा।
भारत ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे गलत बताया। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसका तेल आयात पूरी तरह बाजार के हिसाब से तय होता है और यह उसके 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी है।
पिछले महीने ट्रम्प ने रूस पर भी 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रम्प ने जुलाई में कहा था कि अगर मॉस्को 50 दिन के भीतर यूक्रेन के साथ पीस डील नहीं करता है तो वह रूस पर 100% टैरिफ लगाएंगे। इसके अलावा रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी टैरिफ भी लगाएंगे।

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अमेरिका ने चीन पर ज्यादा टैरिफ को फिर से टाला: अब 90 दिनों बाद फैसला होगा; ट्रम्प ने कहा- मेरा और जिनपिंग का अच्छा रिश्ता

