in

अमेरिका ने एक दिन में बेचे 1000 गोल्ड कार्ड: एक की कीमत ₹44 करोड़, कमाए ₹44 हजार करोड़; 10 लाख कार्ड बेचने का टारगेट Today World News

अमेरिका ने एक दिन में बेचे 1000 गोल्ड कार्ड:  एक की कीमत ₹44 करोड़, कमाए ₹44 हजार करोड़; 10 लाख कार्ड बेचने का टारगेट Today World News

[ad_1]

वॉशिंगटन DC12 मिनट पहले

#
  • कॉपी लिंक

ट्रम्प सरकार का मानना है कि दुनिया में 3.7 करोड़ लोग गोल्ड कार्ड खरीदने में सक्षम हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का गोल्ड कार्ड वीजा प्रोग्राम आधिकारिक तौर पर लॉन्च होने से पहले ही सुपर हिट हो चुका है। अमेरिका के कॉमर्शियल सेक्रेटरी हॉर्वड लुटनिक ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने एक दिन में ही 1000 गोल्ड कार्ड बेच दिए हैं।

एक गोल्ड कार्ड की कीमत 5 मिलियन डॉलर (44 करोड़ भारतीय रुपए) है। यानी कि एक दिन में ही 44,000 करोड़ रुपए के गोल्ड कार्ड बेच दिए गए हैं।

हॉवर्ड ने कहा कि लोग गोल्ड कार्ड लेने के लिए लाइन में लगे हुए हैं। हालांकि यह प्रोग्राम आधिकारिक तौर पर करीब दो हफ्ते बाद शुरू होगा। इलॉन मस्क अभी इसके लिए सॉफ्टवेयर बना रहे हैं।

अवैध कामों में शामिल लोगों का गोल्ड कार्ड रद्द हो सकता है

ट्रम्प सरकार 10 लाख गोल्ड कार्ड का टारगेट लेकर जुटी है। प्रशासन का मानना है कि यह ज्यादा मुश्किल नहीं है क्योंकि दुनिया में 3.7 करोड़ लोग ऐसे हैं जो इसे खरीद सकते हैं। अमेरिकी सरकार इस प्रोग्राम से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल देश के कर्ज को कम करने के लिए करेगी।

हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि गोल्ड कार्ड खरीदने वालों को अमेरिका में अनिश्चित काल तक रहने का अधिकार मिलेगा। कार्ड खरीदने वालों की जांच भी जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि वो कानून पालन करने वाले अच्छे लोग हैं या नहीं।

कार्ड खरीदने वाले अगर अवैध कामों में शामिल हैं तो अमेरिका इस कार्ड को हमेशा के लिए रद्द कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मैं अमेरिकी नहीं होता तो 6 गोल्ड कार्ड खरीदता- एक मेरे लिए, एक मेरी पत्नी के लिए और चार मेरे बच्चों के लिए।

अमेरिका के कॉमर्शियल सेक्रेटरी हॉर्वड लुटनिक ने ऑल-इन पॉडकास्ट पर 1000 गोल्ड कार्ड बेचने का दावा किया।

अमेरिका के कॉमर्शियल सेक्रेटरी हॉर्वड लुटनिक ने ऑल-इन पॉडकास्ट पर 1000 गोल्ड कार्ड बेचने का दावा किया।

ग्रीन कार्ड के जैसे स्पेशल राइट भी मिलेगा ट्रम्प का कहना है कि गोल्ड वीजा कार्ड नागरिकों को ग्रीन कार्ड जैसा स्पेशल राइट देगा। इस नए वीजा प्रोग्राम से देश में निवेश बढ़ेगा, इसके साथ ही EB-5 से जुड़ी धोखाधड़ी रुकेगी और नौकरशाही पर लगाम लगेगी।

#

ट्रम्प ने ‘गोल्ड कार्ड’ को EB-5 वीजा प्रोग्राम का विकल्प बताया और कहा कि भविष्य में 10 लाख गोल्ड कार्ड बेचे जाएंगे। फिलहाल अमेरिकी नागरिकता के लिए EB-5 वीजा प्रोग्राम सबसे आसान रास्ता है। इसके लिए लोगों को 1 मिलियन डॉलर (करीब 8.75 करोड़ रुपए) देने होते हैं।

अमेरिका विदेशी नागरिकों को अपने यहां स्थायी तौर पर रहने के लिए ग्रीन कार्ड देता है। इसके बाद विदेशी नागरिकों को वीजा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि ग्रीन कार्ड से अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलती है।

अमेरिका विदेशी नागरिकों को अपने यहां स्थायी तौर पर रहने के लिए ग्रीन कार्ड देता है। इसके बाद विदेशी नागरिकों को वीजा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि ग्रीन कार्ड से अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलती है।

35 साल पुरानी व्यवस्था बदलेंगे ट्रम्प अमेरिका में स्थायी तौर पर रहने के लिए ग्रीन कार्ड की जरूरत होती है। इसके लिए EB-1, EB-2, EB-3, EB-4 वीजा प्रोग्राम हैं, लेकिन EB-5 वीजा प्रोग्राम सबसे ज्यादा बेहतर है। यह 1990 से लागू है। इसमें शख्स किसी रोजगार देने वाले नियोक्ता से नहीं बंधे होते हैं और अमेरिका में कहीं भी रहकर काम या फिर पढ़ाई कर सकते हैं। इसे हासिल करने में 4 से 6 महीने लगते हैं।

EB-4 वीजा प्रोग्राम का मकसद विदेशी निवेश हासिल करना है। इसमें लोगों को किसी ऐसे बिजनेस में 1 मिलियन डॉलर का निवेश करना होता है, जो कम से कम 10 नौकरियां पैदा करता हो। यह वीजा प्रोग्राम निवेशक, उसकी पति या पत्नी और 21 साल के कम उम्र के बच्चों को अमेरिकी स्थायी नागरिकता देते हैं।

भारतीय लोगों पर क्या असर होगा? रिपोर्ट्स के मुताबिक वे भारतीय जो अमेरिकी नागरिकता लेने के लिए EB-5 प्रोग्राम पर निर्भर थे, उनके लिए ‘ट्रम्प वीजा प्रोग्राम’ काफी महंगा पड़ सकता है। EB-5 कार्यक्रम को खत्म करने से लंबे ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे स्किल्ड भारतीय प्रोफेशनल्स को भी नुकसान हो सकता है।

भारतीय आवेदकों को पहले से ही रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड कैटेगरी के तहत दशकों तक इंतजार करना पड़ता है। गोल्ड कार्ड की शुरुआत के साथ इमिग्रेशन सिस्टम उन लोगों के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है जो भारी कीमत नहीं चुका सकते।

—————————

यह खबर भी पढ़ें…

US उपराष्ट्रपति बोले- ग्रीनकार्ड होल्डर्स को वापस भेज सकते हैं:उन्हें हमेशा रहने का अधिकार नहीं; 10 साल में 7.16 लाख भारतीयों को मिला ग्रीनकार्ड

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा है कि ग्रीन कार्ड होल्डर्स हमेशा के लिए अमेरिका में नहीं रह सकते हैं। ग्रीन कार्ड रखने का मतलब यह नहीं है कि किसी को जिंदगी भर के लिए अमेरिका में रहने का अधिकार मिल गया है। सरकार के पास ग्रीन कार्ड होल्डर्स को निकालने का अधिकार है। ये बात उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही। यहां पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…

[ad_2]
अमेरिका ने एक दिन में बेचे 1000 गोल्ड कार्ड: एक की कीमत ₹44 करोड़, कमाए ₹44 हजार करोड़; 10 लाख कार्ड बेचने का टारगेट

एचबीएसई : 56 केंद्रों पर 12वीं कक्षा के 1345 विद्यार्थियों ने दिया बिजनेस स्टडी और संगीत का पेपर Latest Haryana News

एचबीएसई : 56 केंद्रों पर 12वीं कक्षा के 1345 विद्यार्थियों ने दिया बिजनेस स्टडी और संगीत का पेपर Latest Haryana News

U.K. detects first case of bird flu in a sheep, stoking fears of spread Today World News

U.K. detects first case of bird flu in a sheep, stoking fears of spread Today World News