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अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत के इस सेक्टर में जबरदस्त मौका, एक्सपर्ट्स बोले- उठाएं फायदा Business News & Hub

अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत के इस सेक्टर में जबरदस्त मौका, एक्सपर्ट्स बोले- उठाएं फायदा Business News & Hub

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अमेरिका की तरफ से भारत समेत दुनियाभर के करीब 180 से ज्यादा देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया. हालांकि चीन-वियतनाम और दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत पर सिर्फ 26% टैरिफ लगाया गया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी उनके अच्छा दोस्त हैं, लेकिन भारत हमेशा अमेरिका को लेकर बहुत ही टफ रहा और अच्छा नहीं किया. इसलिए उन्होंने भारत पर 26% का डिस्काउंटेड टैरिफ लगाया है.

ऐसे में एक तरफ जहां भारत के कुछ सेक्टरों पर अमेरिका ने टैरिफ नहीं लगाकर बड़ी राहत दी है, तो वहीं कुछ सेक्टरों पर दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले मामूली टैरिफ लगा एक बड़ा मौका दे दिया.

भारत के लिए बड़ा मौका

टीओआई के मुताबिक, एग्रीकल्चर इकॉनोमिस्ट अशोक गुलाटी ने कहा कि ट्रंप के नए टैरिफ एलान के बाद भारत में ये क्षमता है कि वे अपने कृषि निर्यात को अमेरिका में और बढ़ाए और उसे बनाए रखे. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अमेरिका ने अपने विरोीध देशों के ऊपर भारी-भरकम टैरिफ लगाया है. भारत को आवश्यक तौर पर इस स्थिति का फायदा उठाना चाहिए.

गुलाटी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से लगाए गए 26% डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ का महत्वपूर्ण कृषि निर्यात वस्तुएं जैसे मछली, चावल का उन क्षेत्रीय विरोधी देशों के खिलाफ कम असर होगा, जिनके ऊपर ये भारी-भरकम टैक्स लगाया गया है.

भारतीय दवा उद्योग की तरफ से इस बात पर गुरुवार को संतुष्टि जाहिर की गई है कि दवाओं को टैरिफ से अमेरिका ने बाहर रखने का फैसला किया है. इंडियन फार्मास्युटिकल्स अलायंस के सेक्रेटरी जनरल सुदर्शन जैन ने मिशन 500 के जरिए भारत-अमेरिका के मजबूत व्यापारिक संबंधों का उल्लेख किया, जिसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक लेकर जाना है.

कपड़ा और दवा उद्योग को भारी फायदा

EY इंडिया के टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि भारत का फार्मास्युटिकल्स सेक्टर रेसिप्रोकल टैरिफ की छूट का फायदा उठा रहा है. ऐसे में बाकी देशों पर टैरिफ लगाने से भारत में इस उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर पैदा हो गया.

उन्होंने बताया कि चीन और वियतनाम के मुकाबले भारत के सामानों पर टैरिफ काफी कम लगाया गया है. इसकी वजह से टेलिकम्युनिकेशन से लेकर फार्मास्युटिकल्स यानी कपड़ा उद्योग तक भारत के लिए एक जबरदस्त मौका है.

गौरतलब है कि अमेरिका में सभी आयातित सामानों पर 10% बेसलाइन टैरिफ लगाया जाएगा, जिसका सीधा असर 180 से ज़्यादा देशों पर पड़ेगा. चीन जैसे देशों पर 34% टैरिफ, यूरोपीय संघ पर 20%, दक्षिण कोरिया पर 25%, वियतनाम पर 46%, ताइवान पर 32% और ऑस्ट्रेलिया पर 10% टैरिफ लगाया गया.

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