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America vs China: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर छिड़ गई है. एक तरफ चीन से अमेरिका पहुंचने वाले सामान पर 10 परसेंट टैरिफ लगना शुरू हो गया है, वहीं चीन ने भी अमेरिका की कुछ चीजों पर 10-15 परसेंट टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. अमेरिका और चीन के बीच चल रहे इस ट्रेड वॉर का भारत को फायदा पहुंच सकता है. हालांकि, भारत को इस दिशा में सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है.
12 फरवरी को पीएम मोदी जाएंगे अमेरिका
इस बीच पीएम मोदी 12 फरवरी को अमेरिका जाकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं. इसके बाद पता चलेगा कि बदलते आर्थिक परिदृश्य से भारत को इस द्विपक्षीय मुलाकात का कितना लाभ होगा. बता दें कि इससे पहले ट्रंप कई बार भारत को टैरिफ किंग या कारोबारी रिश्ते का सबसे ज्यादा दुरुपयोग करने वाला भी करार दे चुके हैं. इन आरोपों के बावजूद भारत ट्रंप की आलोचना करने से खुद को दूर रखा क्योंकि इसका पूरा ध्यान अभी चीन का सामना करने में ही है.
भारत को है इससे बचने की जरूरत
चीन और अमेरिका के बीच जारी इस ट्रेड वॉर में उलझने से भारत को बचने की जरूरत है. अब सवाल यह आता है कि अमेरिका और चीन के बीच इस टैरिफ वॉर से भारत को क्या फायदा होगा इसके जवाब में इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए एक्सपर्ट्स ने कहा कि ट्रंप के पहले कार्यकाल का भी असर अमेरिका और चीन के व्यापारिक संबंधों पर पड़ा था. उस दौरान जिन देशों को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा था उनमें चौथे नंबर पर भारत था. उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी भारत के निर्यातकों को मिलने वाले ऑर्डर में इजाफा हो सकता है.
भारत और अमेरिका के बीच मजबूत कारोबारी रिश्ता
भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी रिश्ता जबरदस्त बना हुआ है. फाइनेंशियल ईयर 25 के अप्रैल-दिसंबर में भारत से अमेरिका में 60 बिलियन डॉलर का निर्यात किया गया, जबकि आयात 33.4 बिलियन डॉलर रहा.
चूंकि, टैरिफ लगने से अमेरिका में चीनी सामानों की कीमत अधिक हो जाएगी इसलिए हो सकता है कि अमेरिकी खरीदार वैकल्पिक सप्लायर्स की तलाश में भारत का रूख करे. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत की इलेक्ट्रिकल मशीनरी, ऑटो कंपोनेंट, मोबाइल फोन, फार्मास्यूटिकल्स, केमिकल और कपड़े की मांग अमेरिका में बढ़ सकती है.
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अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर से भारत को कैसे होगा फायदा?