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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फ्यूचर रिटेल लि. (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही कार्यवाही को स्थगित करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश आर एफ नरीमन, न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायाधीश हृषिकेश रॉय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए चार मई की तारीख तय की और मामले में सभी दलीलें लिखित में पूरी करने का निर्देश दिया।
अमेजन ने आठ अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें किशोर बियाणी की अगुवाई वाले फ्यूचर समूह पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ किए गये 24,713 करोड़ रुपये के संपत्ति बिक्री सौदे पर लगायी गयी रोक को हटा दिया गया था। इससे पहले, एफआरएल ने हाई कोर्ट में एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी थी।
एकल न्यायाधीश की पीठ ने सिंगापुर आपातकालीन मध्यस्थता (ईए) न्यायाधिकरण के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें एफआरएल को रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को लेकर कदम बढ़ाने से मना किया गया था। खंड पीठ ने फ्यूचर समूह को एकल न्यायाधीश के 18 मार्च के आदेश से राहत प्रदान की थी। आदेश में कंपनी पर रिलायंस इंडस्ट्रीज को संपत्ति बेचे जाने पर रोक लगायी गयी थी।
अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी ने याचिका दायर कर 22 मार्च के उच्च न्यायाल की खंडपीठ के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया है। याचिका में खंडपीठ के आदेश को ‘गलत और ‘अनुचित बताया गया है। उल्लेखनीय है कि अमेजन और फ्यूचर समूह के बीच कानूनी विवाद चल रहा है। अमेरिकी कंपनी ने फ्यूचर समूह के खिलाफ सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थता न्यायाधिकरण में मामला दर्ज किया। उसकी दलील है कि भारतीय कंपनी ने प्रतिद्वंद्वी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ समझौता कर अनुबंध का उल्लंघन किया है।
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अमेजन-फ्यूचर मामले में हाई कोर्ट में जारी कार्यवाही स्थगित, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चार मई को