
[ad_1]
अमित शाह और लालू यादव।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के एक पुराने बयान का जिक्र करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। शाह ने कहा कि लालू यादव ने 2013 में वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़ा कानून लाने की मांग की थी, और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी उस इच्छा को पूरा किया है। अमित शाह ने यह बयान भले ही लोकसभा में दिया हो, लेकिन इसके तार कहीं न कहीं इसी साल होने जा रहे बिहार विधानसभा से भी जुड़ते हैं।

‘लालू चाहते थे कि वक्फ में चोरी रोकी जाए’
अमित शाह ने लोकसभा में खुलासा करते हुए कहा, ‘लालू यादव ने ही उस समय कहा था कि सरकार जो ये संशोधन विधेयक पेश किया है, सरकार की पहल का हम स्वागत करते हैं, शाहनवाज हुसैन और माननीय सदस्यों ने जो अपनी बातों को यहां रखा है मैं उसका समर्थन करता हूं। लेकिन ये देखिए कि सारी जमीनें हड़प ली गई हैं, चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी। वक्फ बोर्ड में जो काम करने वाले लोग हैं उनके द्वारा सारी प्राइम लैंड को बेच दिया गया है। पटना में ही डाकबंगले की जितनी प्रॉपर्टी थी, सभी पर अपार्टमेंट बन गए, काफी लूट खसोट हुई है। इसलिए मैं चाहता हूं कि भविष्य में आप कड़ा कानून लाइए और चोरी करने वाले लोगों को सलाखों के पीछे भेजिए। लालू जी की इच्छा तो इन्होंने (कांग्रेस) पूरी नहीं की, लेकिन मोदी जी ने पूरी कर दी।’
शाह ने बार-बार क्यों लिया लालू का नाम?
दरअसल, अगले कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, और लोकसभा में अपने भाषण के जरिए शाह कहीं न कहीं यह बताना चाहते थे कि लालू यादव भी वक्फ बोर्ड में सुधार चाहते थे। दरअसल, लालू यादव के नेतृत्व वाली पार्टी RJD वक्फ के मुद्दे पर ही मुसलमानों को बिहार में NDA के खिलाफ करना चाहती है, ऐसे में अगर उनके बीच यह संदेश जाएगा कि लालू खुद वक्फ में सुधार चाहते थे, तो तेजस्वी के हमले की धार कुंद पड़ जाएगी। इस तरह कहा जा सकता है कि लोकसभा में वक्फ बिल पर बोलने के दौरान बार-बार लालू का नाम लेना इसी रणनीति का हिस्सा था।

[ad_2]
अमित शाह ने अपने भाषण में क्यों लिया लालू प्रसाद यादव का नाम, किस बात का किया खुलासा – India TV Hindi