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अमर उजाला संवाद: स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास और परिवहन सेवाओं में पिछड़ा बाढड़ा, लोगों ने खुलकर रखीं समस्याएं Latest Haryana News

अमर उजाला संवाद: स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास और परिवहन सेवाओं में पिछड़ा बाढड़ा, लोगों ने खुलकर रखीं समस्याएं  Latest Haryana News

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अमर उजाला की ओर से संवाद का आयोजन
– फोटो : संवाद

विस्तार


उपमंडल के किसान भवन में मंगलवार को अमर उजाला की ओर से संवाद आयोजित किया गया। इसमें व्यापार मंडल, किसान संगठन, पूर्व व मौजूदा सरपंच समेत अधिवक्ताओं व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने एक सुर में उपमंडल क्षेत्र में खल रही सुविधाओं की कमी रखी। क्षेत्र के गण्यमान्य लोगों ने कहा कि बाढड़ा को उपमंडल बनाने के बाद सरकार मूलभूत सेवाएं देना भूल गई।

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दोपहर करीब 12 बजे किसान भवन में संवाद की शुरुआत की गई। इसमें विभिन्न वर्गाें से जुड़े 32 लोगों ने भाग लिया। करीब डेढ़ घंटे चले कार्यक्रम में एक-एक कर सभी ने क्षेत्र की समस्याओं व जरूरतों पर अपने विचार रखे और सरकार से तमाम सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की। एक सुर में इन लोगों ने कहा कि बाढड़ा स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन व विकास के क्षेत्र में काफी पीछे है। जनप्रतिनिधियों व सरकार को इस ओर ध्यान देकर पिछड़ापन दूर कर क्षेत्रवासियों को मूलभूत सुविधाओं की सौगात देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढड़ा को इसका हक दिलाने के लिए भविष्य में भी मिलकर हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

बता दें कि बाढड़ा क्षेत्र के मुद्दों को शासन व सरकार तक पहुंचाने के लिए अमर उजाला ने बाढड़ा मांगे हक…मुहिम चलाई। इसके तहत 11 दिन उपमंडल के विभिन्न मुद्दों को अलग-अलग संस्करण में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और विकास संबंधी मुद्दे शामिल रहे। इसी कड़ी में मंगलवार को किसान भवन में संवाद कार्यक्रम कराया गया।

जानिये….किसने क्या रखे विचार

  • बाढड़ा में विकास की काफी दरकार है। सतनाली- हिसार और लोहारू-दादरी मुख्यमार्ग पर कस्बा क्षेत्र में ओवरब्रिज निर्माण की जरूरत है। इसके अलावा बाढड़ा को रिंग रोड भी चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार को यहां सुधार करना चाहिए। -रामचंद्र, पूर्व प्रधान, सरपंच एसोसिएशन
  • बाढड़ा क्षेत्र में शिक्षा का स्तर काफी नीचे है। सरकार ने कॉलेज और स्कूलों के भवन तो बनवा दिए, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद भी स्कूलों में शिक्षकों और महाविद्यालयों में प्राध्यापकों की कमी बरकरार है। युवाओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए ये कमी दूर होनी चाहिए। रमेश, सरपंच, श्यामकलां
  • बाढड़ा को बाईपास की जरूरत है और सरकार को जल्द से जल्द रिंग रोड योजना परवान चढ़ाकर क्षेत्रवासियों को जाम की समस्या से निजात दिलानी चाहिए। इस समय हर वर्ग जाम की समस्या से परेशान है। कृषि विभाग में स्टाफ की कमी किसानों पर भारी पड़ रही है। हरपाल भांडवा, जिला प्रधान, भाकियू
  • बाढड़ा को उपमंडल का दर्जा मिले सात साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक यहां एक भी कोर्ट शुरू नहीं हो पाई है। अधिवक्ताओं को मुवक्किलों के केस लड़ने दादरी जाना पड़ रहा है। बार एसोसिएशन की मांग है कि जल्द से जल्द यहां कोर्ट परिसर भवन बनाया जाए। संजीव श्योराण, प्रधान, बाढड़ा बार एसोसिएशन
  • बाढड़ा में युवाओं के लिए रोजगार का कोई विकल्प नहीं है। यहां के युवाओं को नौकरी के लिए गुरुग्राम, जयपुर, दिल्ली जैसे शहरों का रुख करना पड़ता है। सरकार को इस ओर ध्यान देकर कम से कम दो से तीन हजार युवाओं के रोजगार का प्रबंध अवश्य करना चाहिए। ऋषि भांडवा, किसान
  • बाढड़ा क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं की कमी का दंश लंबे समय से झेल रहा है। खासकर शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ापन युवाओं को काफी अखर रहा है। सरकार को सबसे पहले यहां शिक्षा के क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए और नशा की रोकथाम के लिए भी पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। संदीप, युवा किसान नेता
  • बाढड़ा कस्बा के अलावा उपमंडल के ज्यादातर गांवों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। पंचायत विभाग में अधिकारी ही नहीं हैं जो विकास की रफ्तार धीमी होने का मुख्य कारण है। बाढड़ा कस्बे में जाम सबसे बड़ी समस्या है और लंबा समय बीतने के बाद भी समाधान नहीं हुआ है। गुणपाल, पंचायत समिति सदस्य
  • बाढड़ा क्षेत्र में शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य और विकास की कमी बड़ी समस्या है। यहां स्कूल भवन तो हैं लेकिन उनमें बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं हैं। कादमा और मांढ़ी राजकीय महाविद्यालय एक और दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं और युवाओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विनोद मांढ़ी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रेरक संघ
  • बाढड़ा कस्बे में दूषित पानी निकासी के प्रबंध न होना बड़ी समस्या है और प्रत्येक नागरिक को यह समस्या झेलनी पड़ती है। जेवली रोड पर करीब 100 मीटर की दूरी में अभी भी दूषित पानी भरा हुआ है। एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद भी नतीजा सिफर है। प्रवीन श्योराण, खंड प्रधान, स्टैंड विद नेचर संगठन
  • राजकीय स्कूलों में सरकार विद्यार्थियों को मिड-डे मिल तो अच्छा दे रही है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे पा रही। स्कूलों में शिक्षकों की कमी है जिसके कारण विद्यार्थी संख्या भी घट रही है। इसके अलावा छात्राओं की सुरक्षा के तहत पुलिस गश्त के बेहतर प्रबंध होने चाहिए। बबीता, विजन फाउंडेशन

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अमर उजाला संवाद: स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास और परिवहन सेवाओं में पिछड़ा बाढड़ा, लोगों ने खुलकर रखीं समस्याएं

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