अमरिंदर सिंह भी ‘अग्निपथ’ के पक्ष में नहीं: कहा- चार साल की सेवा बहुत कम, सैन्य रूप से यह अच्छा विचार नहीं


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Thu, 16 Jun 2022 07:49 PM IST

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ नीति की समीक्षा करने का सुझाव दिया है। कैप्टन ने एक बयान में कहा कि यह रेजीमेंट्स के लंबे समय से विद्यमान विशिष्ट लोकाचार को कमजोर करेगा और एक सैनिक के लिए चार साल की सेवा बहुत कम समय है।

उन्होंने हैरानी जताई कि की भारत सरकार को भर्ती नीति में इस तरह के आमूल-चूल परिवर्तन करने की आवश्यकता क्यों है, जो इतने सालों से देश के लिए इतना अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि तीन साल की प्रभावी सेवा के साथ कुल चार साल के लिए सैनिकों को काम पर रखना, सैन्य रूप से एक अच्छा विचार नहीं है। 

कैप्टन ने ‘ऑल इंडिया ऑल क्लास’ भर्ती नीति का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह रेजीमेंट्स के लोकाचार को कमजोर करेगी। उन्होंने बताया कि सिख रेजीमेंट, डोगरा रेजीमेंट, मद्रास रेजीमेंट आदि जैसी विभिन्न रेजीमेंटों का अपना अलग लोकाचार है, जो सैन्य दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और जिसे अनदेखा कर दिया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एक प्रतिष्ठित सैन्य इतिहासकार भी हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी वर्षों में इस प्रणाली ने बहुत अच्छी तरह से काम किया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के रंगरूटों के लिए सांस्कृतिक रूप से भिन्न वातावरण में समायोजित करना बहुत मुश्किल होगा, जो एक विशेष रेजिमेंट के लिए विशिष्ट है और वह भी इतने कम समय के भीतर, जो प्रभावी रूप से तीन साल से कम समय में आता है।

कैप्टन ने कहा कि पहले से ही मौजूदा सात और पांच साल की छोटी अवधि की कार्यकाल प्रणाली ठीक है लेकिन चार साल, जो एक बार प्रशिक्षण और छुट्टी की अवधि को बाहर कर दिया जाए तो प्रभावी रूप से तीन साल से कम की सेवा है। काम करने योग्य नहीं होगा। उन्होंने टिप्पणी की है कि यह एक पेशेवर सेना के लिए कभी भी काम करने योग्य नहीं होगा, जो पूर्वी और पश्चिमी दोनों थिएटरों में कठिन चुनौतियों का सामना कर रही है।

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ नीति की समीक्षा करने का सुझाव दिया है। कैप्टन ने एक बयान में कहा कि यह रेजीमेंट्स के लंबे समय से विद्यमान विशिष्ट लोकाचार को कमजोर करेगा और एक सैनिक के लिए चार साल की सेवा बहुत कम समय है।

उन्होंने हैरानी जताई कि की भारत सरकार को भर्ती नीति में इस तरह के आमूल-चूल परिवर्तन करने की आवश्यकता क्यों है, जो इतने सालों से देश के लिए इतना अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि तीन साल की प्रभावी सेवा के साथ कुल चार साल के लिए सैनिकों को काम पर रखना, सैन्य रूप से एक अच्छा विचार नहीं है। 

कैप्टन ने ‘ऑल इंडिया ऑल क्लास’ भर्ती नीति का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह रेजीमेंट्स के लोकाचार को कमजोर करेगी। उन्होंने बताया कि सिख रेजीमेंट, डोगरा रेजीमेंट, मद्रास रेजीमेंट आदि जैसी विभिन्न रेजीमेंटों का अपना अलग लोकाचार है, जो सैन्य दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और जिसे अनदेखा कर दिया गया है।

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