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अमनजोत कौर के घर पर भंगड़ा डालते हुए।
भारत की महिला टीम ने वर्ल्ड कप फाइनल जीतकर इतिहास रच दिया। इस जीत में पंजाब के मोहाली की बेटी अमनजोत कौर ने भी अहम भूमिका निभाई। इस जीत के बाद घर में जश्न का माहौल है। घरवालों ने सुबह ही ढोल की थाप पर भंगड़ा डाला। वह उनके स्वागत की तैयारियां कर रहे ह
.
परिवार ने बताया कि अमनजोत को मिठाइयां पसंद नहीं हैं, इसलिए मां उनके लिए राजमा-चावल बनाएंगी। चैंपियन बेटी का स्वागत फूलों की मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ करेंगे।
अमनजोत कौर की मां रनजीत कौर मीडिया से बातचीत करते हुए।
अमनजोत कौर की माता पिता की 3 अहम बातें…
- लड़कों के साथ खेलती थी: मां रणजीत कौर ने बताया कि अमनजोत कौर 6 साल की थी, जब उसने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। वह ग्राउंड में लड़कों के साथ खेलती थी। उस समय वह अकेली लड़की होती थी। लेकिन हमारी तरफ से भी उसे कभी रोका नहीं गया।
- पोती के लिए दादी लोगों से भिड़ती थी: मां ने बताया कि जब अमनजोत खेलती थी, तो दादी कुर्सी लगाकर घर के बाहर बैठ जाती थीं। वह उसके सारे खेल को देखती थी। अमनजोत ने कई घरों के कांच भी तोड़े हैं। लेकिन उस समय दादी लोगों से लड़ जाती थीं। उनका कहना होता था कि मेरी पोती को कोई कुछ नहीं कहेगा।

घर पर लगी अमनजोत की फोटो।
- हर काम में ऑलराउंडर है: मां ने कहा कि बेटी जीत के बाद काफी इमोशनल हो गई थी। फोन आया था। लेकिन हमने ज्यादा बात नहीं की। अब घर आएगी तो उससे बात करेंगे। नागेश सर से कोचिंग ली थी। अमनजोत ने एमए की है। वह घर, क्रिकेट और पढ़ाई सब में ऑलराउंडर है।

अमनजोत कौर के पिता भूपिंदर सिंह उसके बारे में जानकारी देते हुए
- क्रिकेट गॉड गिफ्ट मिला है बेटी को: अमनजोत कौर के पिता पेशे से कारपेंटर हैं। उनकी बलौंगी में अपनी शॉप है। पिता कहते हैं कि जब यह मैच होने वाला था, तो हमारी सांसें रुकी हुई थीं। अब रिलेक्स फील कर रहे हैं कि अब वर्ल्ड कप हमारा है। क्रिकेट का गेम इसे गॉड गिफ्ट मिला है।
- भंगड़ा करते हुए बेटी को एयरपोर्ट से लाएंगे: पिता ने कहा कि वैसे बेटी सारे गेम्स खेलती है। लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी। मैच जीतने के बाद काफी इमोशनल थी। ढोल की थाप पर भंगड़ा डालते हुए उसे एयरपोर्ट से लेकर आएंगे।
बुआ बोली- दादी देखती है पोती का हर मैच अमन की छोटी बुआ हरविंदर कौर बताती हैं कि सारा परिवार घर पर था। हमने देर रात तक मैच देखा। हमें पूरी उम्मीद थी कि वह जीतकर आएगी। अमनजोत कौर कभी खुद को लड़की नहीं समझती थी, वह हमेशा कहती थी कि वह लड़का है।

अमन की छोटी बुआ हरविंदर कौर ने बताया कि दादी उसके सारे मैच देखती है।
सेमीफाइनल में पता चल गया था कि बनेंगे विजेता
उन्होंने बताया कि सेमीफाइनल से पता चल गया था कि भारत मैच जीतेगा। उन्होंने बताया कि दादी बीमार हैं। लेकिन फिर भी वह मैच देखती हैं। उसने केवल अमन को देखना होता है। टीवी पर उसे अमन दिखनी चाहिए। परिवार में अमन की दो बहनें और एक भाई है।
पोती ने देश का नाम रोशन किया, अच्छा लगा अमनजोत कौर के दादा ने कहा कि इंडिया मैच जीता है। हमें बहुत अच्छा लगा है। हम रात दो बजे तक मैच देखते रहे है। मैच से पहले अमनजोत ने फोन किया था।
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अमनजोत की मां बोलीं- बेटी के लिए राजमा चावल बनाऊंगी: मोहाली में लड़कों के साथ खेलती थीं, लोगों के शीशे तोड़ने पर दादी बचाती थीं – Chandigarh News

