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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि साल 2030 से पहले भारत को टीबी मुक्त कर दिया जाएगा। पहले यह लक्ष्य 2025 तक था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें कुछ देरी हो सकती है। प्रधानमंत्री ने साल 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति से पहले भारत को टीबीमुक्त करने का लक्ष्य रखा है। देश में टीबी के मामलों में तेजी से गिरावट हुई है।
नड्डा ने शनिवार को हरियाणा के 22 जिलों समेत 33 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में टीबी के खिलाफ नई जंग का एलान किया। इस जंग के तहत सभी 347 जिलों में एक साथ 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान चलेगा। यह कार्यक्रम उन जिलों में ही लागू किया जा रहा, जहां टीबी का ज्यादा प्रसार है। इन दौरान टीबी से ग्रसित मरीजों की पहचान की जाएगी और उनका इलाज किया जाएगा। इसका मकसद देश में टीबी के केसों और मौतों को कम करना है।
नड्डा ने कहा, पहले टीबी की जांच करवाने के लिए लोगों को जिला अस्पताल आना पड़ता था। अब घर के नजदीक ही जांच की सुविधा हो गई है। इसका श्रेय देश भर में 1.7 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में निक्षय पोषण राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये महीना कर दिया है और टीबी रोगियों के पोषण सहायता के लिए ऊर्जा बूस्टर जोड़े गए हैं।
प्रभावी तरीके से टीबी से लड़ रहा भारत : मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में टीबी उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय विशेष अभियान शुरू हो रहा है। भारत रोगियों के लिए जन भागीदारी, नई दवाओं, प्रौद्योगिकी के उपयोग और बेहतर नैदानिक उपकरणों के साथ बहु-आयामी तरीके से इस बीमारी से लड़ रहा है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा, टीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत हो गई है।
सुधार की दिशा में डब्ल्यूएचओ ने माना भारत का लोहा
नड्डा ने बताया कि भारत में टीबी के मरीजों के स्वस्थ होने की दर में काफी सुधार हुआ है। 2015 में यह दर 8.3 फीसदी थी, जो 2024 में 17.7 फीसदी पहुंच गई है। भारत की यह दर वैश्विक औसत से कई गुना अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत में टीबी के मामलों में कमी की सराहना की है। वहीं, पिछले 10 वर्षों में टीबी से होने वाली मृत्यु में भी 21.4 फीसदी की कमी आई है।
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अभियान आरंभ : स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा- टीबी के मामले घटे, 2030 से पहले संक्रमण मुक्त होगा भारत