महज 20 हजार रुपये के लेन-देन ने एक दोस्ती को कलंकित कर दिया। गांव सांदल कलां के आदित्य की अपहरण के बाद हत्या का रहस्य आखिरकार पुलिस ने सुलझा लिया। हत्या के बाद आरोपी ने फिरौती और अपहरण का नाटक रचकर परिजनों व पुलिस को गुमराह करने की साजिश रची। लेकिन स्पेशल एंटी गैंगस्टर यूनिट और सीआईए-1 के संयुक्त ऑपरेशन ने षड्यंत्र का पर्दाफाश कर दिया। पड़ोस में रहने वाला दोस्त विश्वामित्र ही आदित्य का कातिल निकला। हत्या के बाद वह फिरौती का नाटक रच पुलिस को गुमराह करता रहा।
डीसीपी पूर्व प्रबिना पी व नरेंद्र कादियान ने शनिवार शाम पत्रकारों से बातचीत में बताया कि गांव सांदल कलां निवासी सोमपाल ने 11 दिसंबर को अपने बेटे आदित्य (21) की गुमशुदगी की शिकायत दी थी। बताया था कि 10 दिसंबर को दोपहर करीब दो बजे उनका बेटा घर से निकला था। उसके बाद उसका कोई सुराग नहीं लग सका। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था।
इसी बीच 11 दिसंबर को आदित्य के मोबाइल से 25 लाख की फिरौती का मैसेज आने के बाद परिजन भड़क गए थे। उन्होंने 12 दिसंबर को जाम भी लगाया था। इसी बीच दिल्ली पुलिस से सूचना के बाद पुलिस ने दिल्ली के हैदरपुर हेड से आदित्य का शव बोरे में बंधा हुआ बरामद किया था।
पुलिस की आठ टीम मामले की जांच में लगी थी। पुलिस जांच में पता लगा कि आदित्य दोपहर दो बजे पड़ोस में रहने वाले अपने साथी विश्वामित्र के घर गया था। उस समय विश्वामित्र के घर कोई अन्य सदस्य मौजूद नहीं था। दोनों के बीच 20 हजार रुपये के लेन-देन को लेकर कहासुनी हो गई। आदित्य को आरोपी से रुपये लेने थे। बाद में कहासुनी हिंसक झगड़े में बदल गई। आरोप है कि पहले धक्का-मुक्की में आदित्य लोहे की ग्रिल से टकराकर बेसुध हो गया, इसके बाद विश्वामित्र ने लोहे की रॉड से उस पर ताबड़तोड़ वार कर उसकी हत्या कर दी।
अपहरण-हत्या की गुत्थी सुलझी: 20 हजार के लेन-देन में दोस्त बना कातिल, पुलिस ने किया गिरफ्तार

