in

अपनी गाड़ी को ही बना लिया चलती-फिरती दुकान, बुजुर्ग सरदार जी ने 70 साल की उम्र में भी नहीं मानी हार…हौंसले से भरी है ये कहानी Haryana News & Updates

अपनी गाड़ी को ही बना लिया चलती-फिरती दुकान, बुजुर्ग सरदार जी ने 70 साल की उम्र में भी नहीं मानी हार…हौंसले से भरी है ये कहानी Haryana News & Updates

[ad_1]

Last Updated:

#

अंबाला के 70 वर्षीय भूपिंदर सिंह बीमारी के कारण टैक्सी छोड़ अब जंडली पुल के नीचे खाना बेचते हैं. वे रोज 30-35 लोगों को खिलाकर दवाइयों और परिवार का खर्च उठाते हैं.

हाइलाइट्स

  • अंबाला के 70 वर्षीय भूपिंदर सिंह जंडली पुल के नीचे खाना बेचते हैं.
  • बीमारी के कारण टैक्सी छोड़ भूपिंदर सिंह ने खाना बेचने का काम शुरू किया.
  • रोजाना 30-35 लोगों को खाना खिलाकर दवाइयों और परिवार का खर्च उठाते हैं.

अंबाला. मजबूरी और बीमारी दो ऐसी चीजें होती है जो इंसान से उसका सब कुछ छीन लेती है. आज इस बदलते दौर में भी बहुत से ऐसे लोग हैं,जो अपनी बीमारी से लड़ते हुए अपना सब कुछ गंवा देते हैं, या फिर मजबूरी में बुढ़ापे में भी काम करने के लिए तत्पर रहते हैं. हरियाणा के अंबाला में भी ऐसे व्यक्ति हैं, जिनकी उम्र 70 साल है ओर पहले वह टैक्सी गाड़ी चलाने का काम किया करते थे.लेकिन कुछ समय बाद उनकी बीमारी और मेडिकल स्थिति ठीक न होने की वजह से आज वह 70 साल की उम्र में भी अपनी दवाइयां का खर्चा निकालने के लिए अंबाला शहर के जंडली पुल के नीचे घर का बना खाना बेचने का काम करते है.

सिंह फूड कार्ट के नाम से उनकी यह चलती फिरती दुकान हैं और अंबाला शहर निवासी भूपिंदर सिंह रोजाना होंडा गाड़ी में घर से खाना बनाकर लाते है. फिर हाइवे किनारे लोगो को बेचते है.

जब लोकल 18 ने भूपिंदर सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि 1986 से वह गाड़ी चलाने का काम किया करते थे, लेकिन कुछ समय पहले उनकी तबीयत खराब होने लगी और हृदय गति ठीक ढंग से काम न करने के कारण डॉक्टरों ने उनके स्टंट डाले और जिसके बाद आज उनकी महंगी दवाइयां चल रही हैं.

उन्होंने बताया कि उनकी आयु लगभग 70 साल के करीब है और अब वह लंबे रूट पर गाड़ी नहीं चला सकते है, इसलिए अपनी होंडा गाड़ी में ही घर से खाना बनाकर बेचने का काम शुरू कर दिया है.

40 रुपये में खिलाते हैं राजमाह चावल

उन्होंने बताया कि वह रोजाना अपने घर से खाना बना कर लाते हैं और जंडली पुल के नजदीक हाइवे किनारे बेचते हैं. इस खाने में कढ़ी चावल और राजमा चावल 40 रुपए में दिया जाता है,ओर 70 रुपए में खाने की प्लेट दी जाती है,जिसमें चार रोटी, सब्जी, चावल राजमा और कढ़ी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि रोजाना वह 30 से 35 लोगों को यह घर का बना हुआ खाना खिलाते हैं और जिससे उन्हें रोजाना अच्छा मुनाफा हो जाता है, इस मुनाफे से वह अपनी दवाई व परिवार का खर्चा उठाते हैं.

Vinod Kumar Katwal

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from …और पढ़ें

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from … और पढ़ें

homeharyana

अपनी गाड़ी को ही बना लिया चलती-फिरती दुकान, बुजुर्ग सरदार जी ने 70 साल की…

[ad_2]

8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 में नहीं होगा लागू! क्या इन वजहों से बढ़ जाएगी सिफारिश की डेट Business News & Hub

8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 में नहीं होगा लागू! क्या इन वजहों से बढ़ जाएगी सिफारिश की डेट Business News & Hub

बिपाशा बसु ने बॉडी-शेमिंग करने वालों को दिया करारा जवाब:  कहा- मीम्स-ट्रोल्स से मेरी पहचान नहीं, बस महिलाओं को तारीफ और सम्मान मिलना चाहिए Latest Entertainment News

बिपाशा बसु ने बॉडी-शेमिंग करने वालों को दिया करारा जवाब: कहा- मीम्स-ट्रोल्स से मेरी पहचान नहीं, बस महिलाओं को तारीफ और सम्मान मिलना चाहिए Latest Entertainment News