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अनूप धानक। नैना चौटाला।
– फोटो : संवाद
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मैं गरीब दलित परिवार से हूं और उसी कारण साजिश के तहत मुझे गांवों और चौपाल में जाने से रोका जा रहा है। यह कहते हुए भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक भावुक हो गए। रविवार को एक सभा में भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि गरीब परिवार से होने के कारण उन्हें कहीं बोलने नहीं दिया जा रहा तो कहीं माइक छीन लिया जाता है। हम ऐसे लोगों का लाठी-डंडे से मुकाबला नहीं कर सकते हैं लेकिन मतदाता सबकुछ जानता भी है और देख भी रहा है। ऐसे साजिशकर्ताओं को वोट की चोट मारेंगे।
अनूप धानक ने कहा, लोकतंत्र में सभी को वोट मांगने का अधिकार है, लेकिन कुछ लोग उन्हें इससे वंचित करना चाहते हैं। जो लोग किसी भी कारण से रूठे हैं उन्हें वह मनाएंगे और गलती हुई होगी तो माफी मांगेंगे।
मैनें पार्टी नहीं तोड़ी बल्कि पांच साल साथ दिया
अनूप धानक से नैना चौटाला के विवादित बयान पर सवाल किया तो वे रो पड़े। बोले, वह उन पर कुछ नहीं बोलना चाहते। मैंने उस परिवार की 20-25 सालों तक सेवा की है और नैना चौटाला को मां के बराबर सम्मान दिया है। विधानसभा में जाने से पहले वह नैना चौटाला के पांव छूते थे। मैं बस यही कहना चाहता हूं कि मेरी गरीबी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए था। मैंने पार्टी नहीं तोड़ी बल्कि 5 साल पूरे करके पार्टी से इस्तीफा दिया है। मेरा रंग 20 साल पहले भी आज जैसा ही था।
देवेंद्र बबली भी पार्टी छोड़कर गए हैं, उन्हें कोई कुछ नहीं कर रहा-अनूप धानक
मैंने इन साढ़े 4 वर्षों में खूब काम करवाया। मुझे दुख इस बात का है कि इतना काम करवाने के बाद भी मेरा विरोध किया जा रहा है, क्योंकि मैं एक गरीब परिवार व समाज से हूं। देवेंद्र बबली पार्टी छोड़कर गए, उन्हें कोई कुछ नहीं कर रहा, क्योंकि मैं गरीब समाज से हूं, इसलिए हर कोई मुझे कह रहा है। यह बात उकलाना से भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कही। इस दौरान उन्होंने गांवों के हो रहे उनके विरोध व नैना चौटाला की तरफ से उन्हें लेकर की गई टिप्पणी को लेकर अपना पक्ष रखा।
बोले-गरीब समाज से हूं, इसलिए मेरे साथ ऐसा किया जा रहा है
इस दौरान अनूप धानक ने कहा कि जनसंपर्क अभियान के दौरान चौपालों को ताला लगाया जा रहा है, जबकि उन गांवों में मैंने कार्य करवाए हैं। मैं मतदाताओं से अपील करना चाहता हूं कि मैंने की हलके सेवा की और दिल से सेवा की है। कोई भी मेरे पास आया, उसका मान-सम्मान किया। मगर एक बात जरूर कहूंगा कि मुझे झगड़ा नहीं करना।
अगर मतदाताओं को लगता है कि मेरे साथ गलत हो रहा है तो वह वोट से चोट देने का काम करेंगे, जो भी इसमें साजिशकर्ता शामिल है। बड़े दुख के साथ ये कहना पड़ रहा है कि जिस परिवार की मैंने 20-25 साल सेवा की, उनके मन में मेरे प्रति ये भावना है। पार्टी छोड़कर कोई भी जा सकता है। मेरे राजनीतिक विचार उनके साथ नहीं मिले।
लोकसभा चुनाव के दौरान मेरे विधानसभा का जब वह दौरा कर रही थीं, मेरा उस समय ऑपरेशन हुआ था और मैं उस समय पर बिस्तर पर था। उस समय वह कह रही थी कि मैं अनूप जैसी नहीं हूं, जबकि मैं उनका विधायक था। वह कह रहीं थी कि मैं काम करके दिखाऊंगी। हालांकि मैं उनके बारे में कोई टिप्प्णी नहीं करूंगा। उन्हें जो अच्छा लगा, उन्होंने कह दिया।
उन्होंने मेरे रंग पर भी टिप्पणी की है। मैंने 30 साल उसी पार्टी में था, उस समय उन्हें मेरा रंग नहीं दिखा। मैं सिर्फ यही कहना हूं कि चुनाव में भाजपा के पक्ष में अपना वोट डाले ताकि इन्हें पता चल सके कि चुनाव लड़ने व वोट मांगने का सभी को अधिकार है। वोट देना या न देना मतदाता की मर्जी है, लेकिन किसी को दबा कर रखना और बोलने न देना, यह बड़ी गलत बात है। इस बात का मुझे दुख है कि मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया।
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अनूप धानक बोले: मैं गरीब दलित परिवार से, इसलिए बोलने से रोका जा रहा है, नैना चौटाला के बयान पर भावुक हुए