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अनुच्छेद 240: चंडीगढ़ में बदल जाएगा बहुत कुछ… सिर्फ केंद्र का अधिकार, जानिए क्या फायदा और कितना नुकसान Chandigarh News Updates

अनुच्छेद 240: चंडीगढ़ में बदल जाएगा बहुत कुछ… सिर्फ केंद्र का अधिकार, जानिए क्या फायदा और कितना नुकसान Chandigarh News Updates

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केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की वैधानिक स्थिति यानी स्टेट्स बदलने की तैयारी की गई है। इस तैयारी के साथ चंडीगढ़ में नए विकास कार्यों का खाका तैयार होगा। बाकी यूटी की तरह यहां किसी भी प्रशासनिक नियम व कानून में बदलाव संभव हो सकेंगे। यहां तक की चंडीगढ़ का प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा। अभी चंडीगढ़ को कई मामलों में पंजाब और हरियाणा से भी राय लेनी पड़ती है। 

मौजूदा पंजाब के राज्यपाल ही चंडीगढ़ के प्रशासक भी है। ऐसे में चंडीगढ़ का अलग से प्रशासक या फिर दिल्ली के तर्ज पर लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद बनाया जा सकता है। इससे चंडीगढ़ के कामकाज या शहर के पुराने बड़े मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी। इस फेरबदल से यूटी कैडर के अधिकारी मजबूत होंगे और यहां के अधिकारी भी दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों में ट्रांसफर किये जा सकेंगे। चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 में शामिल करने से प्रशासनिक फेरबदल, पुलिस, लॉ एंड ऑर्डर, प्रशासनिक नीतियों, शिक्षण संस्थानों की नीतियों में सीधे दखल देते हुए विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए नय नियम गठित कर सकते हैं।

बजट और वित्तीय पावर बढे़गी

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट अजय जग्गा ने बताया कि इससे चंडीगढ़ प्रशासन के बजट में इजाफा होगा, वित्तीय पावर बढ़ जायेंगी, जोकि बीते दिनों एमएचए ने एक आदेश जारी कर प्रशासन के उपर 1.50 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट के लिए हर फाइल एमएचए को भेजने के लिए जो आदेश जारी किये हैं, वह हट सकते हैं। वित्तीय पावर बढ़ने के साथ ही गृह मंत्रालय कई संवैधानिक शक्तियां जैसे चंडीगढ़ प्रशासन के नीचले अधिकारियों को दूसरे यूटी में ट्रांसफर करने जैसे रुल्स को लागू कर सकता है। इसके अलावा चंडीगढ़ में यूटी कैडर के अधिकारियों की तैनाती बढ़ेगी।

खुल जाएगा विधानसभा का रास्ता

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं और केंद्र सरकार के करीबीयों की मानें तो अनुच्छेद 240 में अंडमान निकोबार, पुदुचेरी की तरह चंडीगढ़ भी राष्ट्रपति के अधीन आ जायेगा। ऐसे में राष्ट्रपति चंडीगढ़ में कोई भी कानून लागू कर सकते हैं। दिल्ली के तर्ज पर चंडीगढ़ में अलग से लेफ्टिनेंट गवर्नर के साथ-साथ अलग से विधानसभा भी बनाई जा सकती है। बता दें चंडीगढ़ में कई राजनीतिक दल लंबे अरसे से अलग से विधानसभा बनाने की मांग करते आ रहे हैं।

प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा

भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी संजय टंडन का कहना है कि चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 मं शामिल करने से बाकी केंद्र शासित प्रदेशों की तरह यहां भी वहीं नियम व मानक लागू होंगे। चंडीगढ़ सीधे राष्ट्रपति के अधीन होगा। हो सकता है चंडीगढ़ में अलग से लेफ्टिनेंट गवर्नर और विधानसभा बनाने के रास्ते खुले। सबसे बड़ी बात कि इससे प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा और चंडीगढ़ के विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे।

एक्सपर्ट व्यू

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एवं एडमिनिस्ट्रेटर एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य एडवोकेट अजय जग्गा ने बताया कि चंडीगढ़ के स्टेट्स को लेकर जो बिल लाया जा रहा है, उस बिल के जरिए चंडीगढ़ को अनुच्छेद-240 में शामिल किया जायेगा। एडवोकेट जग्गा ने बताया कि इस बिल के जरिए दिल्ली के तर्ज पर चंडीगढ़ का अलग से मुखिया होगा। चंडीगढ़ को अब लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद मिल सकता है। एडवोकेट अजय जग्गा ने कहा कि चंडीगढ़ में पहले चीफ कमिश्नर, उसके बाद एडवाइजर और अब चीफ सेक्रेटरी प्रशासन के प्रशासक के बाद मुखिया के तौर पर कार्य करते हैं। पंजाब के राज्यपाल के पद के साथ चंडीगढ़ के प्रशासक का चार्ज होने की वजह से कई काम प्रभावित होते हैं। ऐसे में चंडीगढ़ को अनुच्छेद 240 में शामिल करने से लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद शुरू होगा, जोकि पूरी तरह चंडीगढ़ के कामकाज को देख पाएगा।

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