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हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने अपने चिर-परिचित अंदाज में अंबाला छावनी स्थित वर्षों पुराने टी-पॉइंट पर दिखे।
ऊर्जा मंत्री अनिल विज से एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य मिलने अंबाला छावनी के टी-पॉइंट पर पहुंचे थे। शांडिल्य ने ऊर्जा मंत्री अनिल विज को कहा कि आपने गत दिवस अंबाला छावनी में झुलसा देने वाली गर्मी के बीच बाढ बचाव प्रबंधों को लेकर लगातार पांच घंटे निरीक्षण किया। इस दौरान शांडिल्य ने विज से आग्रह किया कि वे अपनी सेहत का ख्याल रखें और थोड़ा आराम भी करें, क्योंकि उनके अंगूठे में चोट लगी हुई है।
इस पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने मुस्कुराते हुए शायरी सुनाई जिसने सभी को भावुक कर दिया। शायरी के बोल इस प्रकार से थे ए अजर आखिर तुझको आना है एक दिन,
मेरे काम करते हुए आएगी तो तेरा एहसान होगा। ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा कि मरना तो हर किसी को है, लेकिन अगर मौत काम करते हुए आए तो वह भी एक सौभाग्य की बात होगी।
ऊर्जा मंत्री अनिल विज बेहद शायराना अंदाज में स्वयं लिखी पंक्तियों को पढ़ा।
”आपकी दुआओं से ही मैं जिंदा हूं, वरना धरती का मैं छोटा सा परिन्दा हूं, कभी ऊंचा उड़ने की ख्वाहिश नहीं की मैने, काम अधूरे छोड़कर चला जाता यही सोचकर शर्मिंदा हूं, मैं तो धरती का छोटा सा परिंदा हूं।
तूफानों से खेलता हूं मैं, मैं खुद भी एक तूफान हूं, मुझसे टकराने वालों के अंत का पैगाम हूं
राजनीति ने गालिब हमको निकम्मा कर दिया, वरना आदमी तो हम बहुत काम के थे।
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