अंबाला: भारत सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत लोगों को प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज दिया जाता है. जब से यह योजना शुरू हुई है, हरियाणा के कई लोगों ने इसका लाभ उठाया है और यह योजना गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, अब आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाने वाले लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
प्राइवेट अस्पतालों ने बंद किया आयुष्मान कार्ड से इलाज
आज से प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज बंद कर दिया गया है, जिसका असर आम जनता पर देखने को मिल रहा है. इस योजना की शुरुआत 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जिसके तहत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज आम जनता को दिया जाता है, लेकिन अब प्राइवेट अस्पतालों ने IMA के ऐलान पर आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज करना बंद कर दिया है और इसका असर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने वाले लोगों पर पड़ेगा.
क्या है ऐसा करने का कारण
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए अंबाला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आयुष्मान इंचार्ज डॉक्टर अशोक सरवाल ने बताया कि आज से आयुष्मान कार्ड योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में इलाज को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इसका कारण यह है कि अस्पतालों का बहुत सा पैसा सरकार द्वारा बकाया है. जब भी किसी मरीज का इलाज होता है, तो अस्पताल को उस वक्त का खर्चा खुद करना पड़ता है, जिसकी पेमेंट बाद में सरकार करती है.
लंबे वक्त तक रुका रहता है पेमेंट
उन्होंने बताया कि जैसे अगर किसी को एनेस्थीसिया लगाया गया है, तो स्पेशलिस्ट को भी पेमेंट करनी होती है. इसके अलावा बिजली का बिल और अन्य खर्च होते हैं, लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद उन्हें उनका पैसा सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, तब सरकार ने कहा था कि इलाज में जो भी खर्च आएगा, वह अस्पतालों को 15 से 20 दिन में दे दिया जाएगा. लेकिन काफी दिनों तक पेमेंट नहीं आती है, जिससे अस्पतालों को काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि सरकार को प्राइवेट अस्पतालों के बकाया पेमेंट को जल्द से जल्द करवाना चाहिए, ताकि वे इस योजना को अपने अस्पतालों में फिर से शुरू कर सकें.