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अंबाला के बाबा बालक नाथ मंदिर में 66वां वार्षिक भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. कहा जाता है कि बाबा बालक नाथ जी ने यहां 12 घड़ियां विश्राम किया था.
12 घड़ी बाबा बालक नाथ जी
हाइलाइट्स
- अंबाला में बाबा बालक नाथ मंदिर का 66वां वार्षिक भंडारा आयोजित हुआ.
- बाबा बालक नाथ जी ने इस मंदिर में 12 घड़ियां विश्राम किया था.
- सात रविवार मंदिर आने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
अंबाला. छावनी में आज बाबा बालक नाथ मंदिर में 66वां वार्षिक भंडारा आयोजित किया गया. इससे पहले हवन और कीर्तन किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा बालक नाथ मंदिर, गांव बोह में पहुंचे. अंबाला का यह सबसे पुराना बाबा बालक नाथ मंदिर है और इसके साथ कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में सात रविवार अपनी मान्यता लेकर आता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है और उसकी आस्था और विश्वास बढ़ जाते हैं.
यह भी कहा जाता है कि बाबा बालक नाथ जी ने यहां 12 घड़ियां विश्राम किया था. इसी कारण कई वर्षों से इस मंदिर में वार्षिक भंडारे का आयोजन किया जाता है और पिछले 66 साल से यह परंपरा जारी है. आज भी बाबा बालक नाथ मंदिर में वार्षिक भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही.
बाबा बालक नाथ मंदिर की संस्था के सदस्य लखवीर सिंह ने बताया कि चैत्र मास के जेठा रविवार को वार्षिक भंडारा आयोजित किया जाता है. उन्होंने कहा कि 1965 से इस मंदिर में वार्षिक भंडारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करवाने के लिए आते हैं. लखवीर सिंह ने बताया कि यह मंदिर बहुत पुराना है और इसकी मान्यता है कि बाबा बालक नाथ जी ने यहां 12 घड़ियां विश्राम किया था। तभी से लोग दूर-दूर से यहां माथा टेकने आते हैं.
मंदिर में आए एक श्रद्धालु ने बताया कि यह बहुत प्राचीन मंदिर है और इसकी मान्यता बहुत पुरानी है. यदि कोई भक्त सात रविवार अपनी मनोकामना लेकर यहां माथा टेकने आता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. उन्होंने बताया कि इस मंदिर के साथ उनकी बहुत पुरानी आस्था जुड़ी हुई है और वे हर साल वार्षिक भंडारे में शामिल होने के लिए आते हैं.
March 18, 2025, 14:03 IST
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