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अंधा करने वाली खौफनाक बीमारी से आजाद हुआ यह देश, जानें किस वजह से होती थी दिक्कत? Health Updates

अंधा करने वाली खौफनाक बीमारी से आजाद हुआ यह देश, जानें किस वजह से होती थी दिक्कत? Health Updates

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दुनियाभर में आंखों से संबंधित तमाम बीमारियां हैं, जिनसे लाखों लोग परेशान रहते हैं. लोगों को अंधा बनाने वाली ऐसी ही बीमारी से दुनिया के एक देश ने पूरी तरह छुटकारा पा लिया है. दरअसल, नाइजर के सार्वजनिक स्वास्थ्य, जनसंख्या और सामाजिक मामलों के मंत्री गरबा हकीमी ने देश के ऑन्कोसेरसियासिस मुक्त होने की आधिकारिक घोषणा की.

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डब्ल्यूएचओ ने दी यह जानकारी

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, यह ऐतिहासिक उपलब्धि करने के बाद नाइजर इस बीमारी को खत्म करने वाला अफ्रीका का पहला देश बन गया है. अहम बात यह है कि इस बीमारी ने विशेष रूप से कुछ जलमार्गों के पास रहने वाली आबादी को प्रभावित किया था. वहीं, गुरुवार को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी ऑन्कोसेरसियासिस को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाने पर नाइजर को बधाई दी.

किन-किन देशों से खत्म हो चुकी यह बीमारी?

नाइजर को दुनिया का पांचवां और अफ्रीका का पहला देश माना जाता है, जिसने परजीवी ऑन्कोसेरका वॉल्वुलस के ट्रांसमिशन को सफलतापूर्वक रोका है. इससे पहले अमेरिका में स्थित चार देश कोलंबिया (2013), इक्वाडोर (2014), ग्वाटेमाला (2016), और मैक्सिको (2015) भी इस खौफनाक बीमारी का डर खत्म हो चुका है. 

15 साल से चल रही थी कोशिश

नाइजर के मंत्री गरबा हकीमी ने बताया कि इस बीमारी को खत्म करने के लिए देश में पिछले 15 साल से प्रयास किए जा रहे थे. उन्होंने देश में इस बीमारी के उन्मूलन के लिए आवश्यक वैज्ञानिक साक्ष्य प्रदान किए. डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि कैसिमिर मानेंगू ने नाइजर की प्रतिबद्धता और नेतृत्व की सराहना की. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, “मैं अंधा और कलंकित करने वाली बीमारी से मुक्ति के लिए नाइजर को बधाई देता हूं. यह बीमारी गरीबों के लिए बड़ी पीड़ा का कारण बनती है. यह सफलता उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के खिलाफ लड़ाई में हमारे द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति का एक और सबूत है. यह उपलब्धि ऑन्कोसेरसियासिस से जूझ रहे अन्य देशों को उम्मीद देती है.’

किस वजह से होती है यह बीमारी?

ऑन्कोसेरसियासिस नाइजर में समाप्त होने वाला दूसरा उष्णकटिबंधीय रोग है, जिसे 2013 में डब्ल्यूएचओ ने ड्रैकुनकुलियासिस के ट्रांसमिशन को बाधित करने के लिए प्रमाणित किया था. ऑन्कोसेरसियासिस को आमतौर पर रिवर ब्लाइंडनेस के नाम से जाना जाता है. एक परजीवी रोग है और यह ट्रेकोमा के बाद दुनिया भर में अंधेपन का दूसरा सबसे बड़ा संक्रामक कारण है. यह मुख्य रूप से नदी के किनारे के इलाकों में पाए जाने वाली संक्रामक काली मक्खियों के काटने से मनुष्यों में फैलता है. यह रोग मुख्य रूप से उप-सहारा अफ्रीका और यमन में ग्रामीण आबादी को प्रभावित करता है, जबकि लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों में छोटे स्थानिक क्षेत्र पाए जाते हैं. 1976 और 1989 के बीच, पश्चिम अफ्रीका में डब्ल्यूएचओ ऑन्कोसेरसियासिस नियंत्रण कार्यक्रम (ओसीपी) के तहत, नाइजर ने कीटनाशकों का छिड़काव करके वेक्टर नियंत्रण उपाय किए, जिससे ऑन्कोसेरसियासिस ट्रांसमिशन के स्तर में काफी कमी आई.

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