in

अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को हो जाती है ये बीमारियां, रिकवरी में लगता है समय Health Updates

अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को हो जाती है ये बीमारियां, रिकवरी में लगता है समय Health Updates

[ad_1]

Astronauts Health Issues: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) अपने साथी बुश विलमोर के साथ फरवरी 2025 तक स्पेस में ही फंसी रहेंगी. नासा ने दोनों एस्ट्रोनॉट को सिर्फ 8 दिनों के लिए ही स्पेश में भेजा था लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में खराबी आने से उन्हें लौटने में दिक्कत हो रही है. अभी सुनीता और विलमोर को 6 महीने से ज्यादा वक्त तक स्पेस में ही रहना है. इस दौरान उन्हें कई गंभीर बीमारियों के खतरे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को कौन सी बीमारियां हो जाती हैं, उनसे रिकवरी में कितना समय लग जाता है…

1. स्पेस एनीमिया 

एनीमिया मतलब खून की कमी.  खून में हीमोग्लोबिन और रेड ब्लड सेल्स (RBC) की कमी होना एनीमिया कहलाता है. पेस में एस्ट्रोनॉट्स में खून की कमी होना ही स्पेस एनीमिया होता है. स्पेस में शरीर खुद को बिना किसी प्राकृतिक हवा वाले वातावरण के अनुकूल बनाने की कोशिश करती है, जिसकी वजह से उसमें खून की कमी हो जाती है.

शरीर में 70% तक पानी और कई तरह के फ्लूइड होते हैं, जो धरती पर नीचे की तरफ आता है लेकिन स्पेस में रक्त नलिकाओं से खून ऊपर दिल की ओर जाता है, जिससे शरीर में खून और RBC बनना कम हो जाता है और कई तरह के खतरनाक समस्याएं हो सकती हैं. 

यह भी पढ़ें :लोग क्यों करते हैं सुसाइड? इन संकेतों से समझ सकते हैं अपने करीबी के दिल का हाल

2. मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं

लंबे समय तक स्पेस में रहने से मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. रिसर्च में पता चला है कि सिर्फ दो हफ्ते में मांसपेशियों का द्रव्यमान 20% और लंबे मिशनों में 30% तक  भी कम हो सकता है. हर महीने 1-2% तक हड्डियां कमजोर होती हैं. इससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है.

3. हार्ट को खतरा

4. ब्रेन पर असर

स्पेस में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है, जिससे शरीर और दिमाग का संतुलन सही तरह नहीं बन पाता है. कई रिसर्च में बताया गया है कि स्पेस में ब्रेन की बनावट में बदलाव होने लगता है. मस्तिष्क की नसों और हिस्सों में सूजन आने का खतरा रहता है, जिससे सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है.

5. रेडिएशन का खतरा

6. साइकोलॉजिकल इफेक्ट्स

लंबे समय तक स्पेस में रहने से तनाव, चिंता, अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि शरीर बिल्कुल अलग माहौल में रहता है. इसकी वजह से नींद गायब हो जाती है और शरीर कई मानसिक चुनौतियों का सामना करने लगता है.

स्पेस में ज्यादा दिनों तक रहने से ये भी नुकसान

पाचन बुरी तरह प्रभावित होती है.

स्किन खराब हो सकती है, स्वाद-गंध भी प्रभावित होती है.

सिरदर्द, मतली और उल्टी

चेहरे-नाक में सूजन आ जाती है,

 

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

[ad_2]
अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को हो जाती है ये बीमारियां, रिकवरी में लगता है समय

Haryana Assembly Election: कांग्रेस ने दो और उम्मीदवारों की सूची जारी की, दो सीटों पर पर अब भी संशय Chandigarh News Updates

Haryana Assembly Election: कांग्रेस ने दो और उम्मीदवारों की सूची जारी की, दो सीटों पर पर अब भी संशय Chandigarh News Updates

PM मोदी से मिलने पहुंचे पेरिस-पैरालिंपिक के मेडलिस्ट:  कुछ देर में मुलाकात होगी; इंडिया पहली बार टॉप-20 में रहा, 29 मेडल जीते Today Sports News

PM मोदी से मिलने पहुंचे पेरिस-पैरालिंपिक के मेडलिस्ट: कुछ देर में मुलाकात होगी; इंडिया पहली बार टॉप-20 में रहा, 29 मेडल जीते Today Sports News