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कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 28 नवंबर से शुरू होगा, जिसमें सामाजिक समरसता दिखाई देगी। यह पहला मौका होगा जब महोत्सव में कारोबारी से लेकर किसान तक हर वर्ग के लोग जुटेंगे। महोत्सव को इस बार आम लोगों का उत्सव बनाने की दिशा में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड व प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, जिसके चलते हर वर्ग के लोगों को महोत्सव से जोड़ा जाएगा। यहां तक कि वे सामान्य से लेकर महत्वपूर्ण आयोजनों में अहम भागीदारी निभाते हुए दिखाई देंगे। इस पहल को सिरे चढ़ाने के लिए खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी कमान संभाल ली है। इसी के चलते ही शुक्रवार को मुख्यमंत्री द्वारा इन सभी वर्ग के करीब 400 प्रतिनिधियों के साथ गीता ज्ञान संस्थानम में अहम बैठक कर महोत्सव को आमजन से जोड़ते हुए इसकी गरिमा और बढ़ाने पर मंथन किया जाएगा।
इस बैठक में प्रगतिशील किसान, आढ़ती व अन्य कारोबारी एसोसिएशन, धर्मशालाएं सभा एवं समिति, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को भी आमंत्रित किया गया है। इन सभी के साथ महोत्सव को लेकर मुख्यमंत्री दोपहर बाद करीब दो घंटे तक गहन मंथन करेंगे। बैठक की महत्ता के अनुसार व्यापक तैयारी भी की गई है। बता दें कि पहले महोत्सव कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड पर ही अधिक केंद्रित रहा है तो वहीं कुछ सामाजिक व शैक्षिक संस्थाएं भी जुड़ती रहीं। पिछले वर्ष ही इसका दायरा बढ़ाते हुए 48 कोस के सभी तीर्थों को जोड़ा गया तो वहीं हर तीर्थ पर भी महोत्सव मनाया गया। यहां तक कि हर तीर्थ की मिट्टी व जल भी एकत्रित किया गया इसके साथ ही पिछले वर्ष धार्मिक के साथ-साथ रेजिडेंशियल एसोसिएशन व अन्य सामाजिक संगठनों को भी जोड़ने को प्रयास किया गया था लेकिन यह पहला मौका होगा जब आढ़ती से लेकर दूसरे कारोबारी व किसान भी महोत्सव का हिस्सा बनेंगे।
पांच दिसंबर से होंगे मुख्य आयोजन
28 नवंबर से शिल्प व सरस मेले से शुरू होगा। यह मेला 15 दिसंबर तक जारी रहेगा जबकि मुख्य आयोजन पांच से 11 दिसंबर तक हाेंगे। ये अधिकतर आयोजन ब्रह्मसरोवर तट पर पुरुषोत्तमपुरा बाग में ही होंगे जबकि अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में होगी। 18 हजार स्कूली बच्चे थीम पार्क में गीता श्लोकों का उच्चारण करेंगे।
महोत्सव से अछूता न रहे कोई : उपेंद्र
केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल का कहना है कि महोत्सव से हर आमजन को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें हर वर्ग के लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी हो और बेहतर आयोजन हो सके। इसका असर इसी बार ही दिखाई देगा। मुख्यमंत्री भी शुक्रवार को गीता ज्ञान संस्थानम में बैठक कर सभी संस्थाओं, संगठनों को इस महोत्सव का हिस्सा बनने के लिए आह्वान करेंगे तो महोत्सव का और अधिक गौरव बढ़ाने के लिए रायसुमारी भी की जाएगी।
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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव : दिखेगी सामाजिक समरसता किसान और कारोबारियों की होगी भागीदारी