अंग्रेजों पर उसी के घर में भारी पड़ा इकलौता भारतीय, 159 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए और वर्ल्ड कप दिलाया!


नई दिल्ली. संदीप पाटिल (Sandeep Patil) ये नाम भारतीय फैंस को याद ही होगा. आज ही के दिन 1983 में उन्होंने वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ यादगार पारी खेली थी. उनकी यह पारी इसलिए भी खास थी, क्योंकि उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ उसी के मैदान मैनचेस्टर पर यह कारनामा किया था. सेमीफाइनल में इंग्लैंड ने पहले खेलते हुए 213 रन बनाए थे. इस पिच पर बल्लेबाजी आसान नहीं थी. उसकी ओर से ओपनर बल्लेबाज ग्रीम फॉलर ने सबसे अधिक 33 रन बनाए थे. जवाब में संदीप पाटिल की नाबाद अर्धशतकीय पारी के दम पर भारत ने लक्ष्य को 54.4 ओवर में हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया. उस समय वनडे के मुकाबले 60-60 ओवर के खेले जाते थे. बाद में भारतीय टीम वेस्टइंडीज को हराकर पहली बार चैंपियन भी बनी थी.

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को सुनील गावस्कर और कृष्णमाचारी श्रीकांत ने अच्छी शुरुआत की. दोनों ने पहले विकेट के लिए 45 रन जोड़े. गावस्कर 41 गेंद पर 25 रन बनाकर आउट हुए. श्रीकांत भी 44 गेंद पर 19 रन बनाकर इयान बॉथम का शिकार हुए. 50 रन पर 2 विकेट गिरने के बाद यशपाल शर्मा और मोहिंदर अमरनाथ ने टीम को संभाला. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 92 जोड़े. अमरनाथ 92 गेंद पर 46 रन बनाकर रन आउट हुए. उन्होंने 4 चौका और एक छक्का लगाया.

72 में से 51 रन अकेले बनाए

इसके बाद संदीप पाटिल उतरे. अभी भी टीम को जीत के लिए 72 रन बनाने थे. उन्होंने आते ही बड़े-बड़े शॉट खेलने शुरू किए. वे 32 गेंद पर 51 रन बनाकर नाबाद रहे. 8 चौका लगाया. स्ट्राइक रेट 159 का रहा. वर्ल्ड कप में बतौर भारतीय 50 से अधिक रन की पारी की बात करें, तो यह आज भी तीसरी सबसे तेज पारी है. उन्होंने चौथे विकेट के लिए यशपाल शर्मा के साथ 63 रन जोड़े. यशपाल 115 गेंद पर 61 रन बनाकर आउट हुए. कप्तान कपिल देव एक रन बनाकर नाबाद रहे

करियर में सिर्फ 9 अर्धशतक लगाए

संदीप पाटिल ने अपने वनडे करियर में सिर्फ 9 अर्धशतक लगाया था. ऐसे में यह उनकी यादगार पारी में से एक थी. इंग्लिश टीम के पास बॉब विलिस और बॉथम जैसे गेंदबाज थे, लेकिन वे पाटिल के आगे कुछ नहीं कर सके. इससे पहले इंग्लैंड के कप्तान बॉब विलिस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने फैसला किया था. फॉलर और क्रिस टैवरी ने पहले विकेट के लिए 69 रन जोड़े. रोजर बिन्नी ने दोनों को आउट कर इंग्लैंड को बड़े झटके दिए. इसके बाद मोहिंदर अमरनाथ ने डेविड गावर और माइक गैटिंग के रूप में 2 बड़े विकेट झटक टीम इंडिया को मैच में काफी आगे कर दिया था.

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9वें नंबर पर उतरे ग्राहम डिले ने नाबाद 20 रन बनाकर स्कोर को 200 के पार पहुंचाया था. कपिल देव ने सबसे अधिक 3 विकेट लिए. बिन्नी और अमरनाथ को 2-2 विकेट मिले. अमरनाथ को ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला था. कपिल देव की अगुआई में टीम ने 1983 में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीता था. अगला वर्ल्ड कप जीतने में टीम को 28 साल लगे थे.

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