हिसार : रास्ता जाम कर युवा बोले-अग्निपथ पर नहीं चलेंगे, सड़क पर उतरे 13 गांवों के नौजवान


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केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ वीरवार को 13 गांवों के युवा सड़कों पर उतरे। युवाओं ने हिसार- तोशाम स्टेट हाईवे जाम कर अपने गुस्से का इजहार किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अग्निपथ योजना को खत्म कर पुरानी सेना भर्ती को जारी रखने की मांग की। सुबह 8 से 10 बजे तक रोड जाम के चलते वाहनों को दूसरे रूटों पर डायवर्ट किया गया। युवा शुक्रवार को हांसी जाट धर्मशाला में महापंचायत में शिरकत करेंगे।

वीरवार को गांव सुलतानपुर, कंवारी, उमरा, ढंढेरी, गुंजार, भोजराज, नलवा, देपल, हरिता, बालावास, धमाना और मुजादपुर के युवा अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया। राजेश सुलतानपुर, मंदीप सिंह, विजेंद्र, संदीप, अनिल और प्रदीप के नेतृत्व में युवाओं ने सुबह करीब आठ बजे गांव कंवारी हिसार- तोशाम रोड जाम कर केंद्र सरकार की मुखालफत की। राजेश सुलातनपुर ने कहा कि सेना भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना रद्द की जाए।

पुरानी योजना के अनुसार ही सेना की भर्ती की जाएं। पुरानी भर्तियों के अटके हुए रिजल्ट जल्द जारी किए जाएं। स्थायी भर्ती के लिए प्रक्रिया चालू की जाए। रोड जाम की सूचना के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा। एसएचओ पवित्र कुमार ने वाहनों का रूट डायवर्ट कराया। प्रदर्शनकारियों ने करीब दस बजे हांसी के तहसीलदार अनिल कुमार को प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हांसी जाट धर्मशाला में दस बजे महापंचायत बुलाई जाएगी। महापंचायत में आंदोलन को धार देने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। शुक्रवार को युवा पुरानी कचहरी से नई कचहरी तक प्रदर्शन कर विरोध जलूस निकाल कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपेंगे।

युवाओं के सपनों को कुचलने की कोशिश
हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश चेयरमैन एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार देशभर में बेरोजगारों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना चाहती है, जिसका भविष्य पूरी तरह से अंधकारमय होगा। युवाओं को रोजगार मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। देशभर के युवा पिछले लगभग चार साल से सेना भर्ती की बाट जोह रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने फौज की नियमित भर्ती की बजाय अग्निपथ योजना लाकर उनके सपनों को कुचलने का काम किया है। इससे देश की रक्षा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। हताशा के शिकार युवा आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए हैं।

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ वीरवार को 13 गांवों के युवा सड़कों पर उतरे। युवाओं ने हिसार- तोशाम स्टेट हाईवे जाम कर अपने गुस्से का इजहार किया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अग्निपथ योजना को खत्म कर पुरानी सेना भर्ती को जारी रखने की मांग की। सुबह 8 से 10 बजे तक रोड जाम के चलते वाहनों को दूसरे रूटों पर डायवर्ट किया गया। युवा शुक्रवार को हांसी जाट धर्मशाला में महापंचायत में शिरकत करेंगे।

वीरवार को गांव सुलतानपुर, कंवारी, उमरा, ढंढेरी, गुंजार, भोजराज, नलवा, देपल, हरिता, बालावास, धमाना और मुजादपुर के युवा अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया। राजेश सुलतानपुर, मंदीप सिंह, विजेंद्र, संदीप, अनिल और प्रदीप के नेतृत्व में युवाओं ने सुबह करीब आठ बजे गांव कंवारी हिसार- तोशाम रोड जाम कर केंद्र सरकार की मुखालफत की। राजेश सुलातनपुर ने कहा कि सेना भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना रद्द की जाए।

पुरानी योजना के अनुसार ही सेना की भर्ती की जाएं। पुरानी भर्तियों के अटके हुए रिजल्ट जल्द जारी किए जाएं। स्थायी भर्ती के लिए प्रक्रिया चालू की जाए। रोड जाम की सूचना के बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा। एसएचओ पवित्र कुमार ने वाहनों का रूट डायवर्ट कराया। प्रदर्शनकारियों ने करीब दस बजे हांसी के तहसीलदार अनिल कुमार को प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हांसी जाट धर्मशाला में दस बजे महापंचायत बुलाई जाएगी। महापंचायत में आंदोलन को धार देने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। शुक्रवार को युवा पुरानी कचहरी से नई कचहरी तक प्रदर्शन कर विरोध जलूस निकाल कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपेंगे।

युवाओं के सपनों को कुचलने की कोशिश

हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश चेयरमैन एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार देशभर में बेरोजगारों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना चाहती है, जिसका भविष्य पूरी तरह से अंधकारमय होगा। युवाओं को रोजगार मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। देशभर के युवा पिछले लगभग चार साल से सेना भर्ती की बाट जोह रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने फौज की नियमित भर्ती की बजाय अग्निपथ योजना लाकर उनके सपनों को कुचलने का काम किया है। इससे देश की रक्षा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। हताशा के शिकार युवा आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए हैं।

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