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ट्रेड यूनियनों से जुड़े मजदूरों,कारीगरों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। एचएयू गेट ने.4 से लघु सचिवालय तक विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पिछले दस साल से न्यूनतम वेतन में बदलाव नहीं किया गया। यह मजदूरों, कारीगरों का शोषण है। प्रदर्शन की अध्यक्षता सीटू जिला प्रधान सुरेश कुमार, रूप सिंह एटक, जोरा सिंह इंटक,सत्यनारायण ने संयुक्त रूप से की।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सुरेश कुमार ने कहा कि मजदूर-कर्मचारी विरोधी चार लेबर कोड्स को लेकर भाजपा ने मजदूरों, कारीगरों के साथ धोखा किया है। ठेका प्रथा, अस्थाई व कच्चे रोजगार के स्थान पर स्थाई नौकरी, न्यूनतम वेतन 26000 रुपये लागू करवाने, निजीकरण पर रोक लगाई जाए। प्रदर्शनकारियों ने लोकतांत्रिक एवं ट्रेड अधिकारों की रक्षा करने, पुरानी पेंशन बहाली आदि मांगों को उठाया। हरियाणा सरकार के प्रति गुस्सा प्रकट करते हुए कहा कि 10 साल से न्यूनतम वेतन रिवाइज नहीं किया गया। यह लाखों मजदूरों की लूट का मामला है। सरकार तुरंत न्यूनतम वेतन रिवाइज करे, इसे 26000 रुपये प्रतिमाह किया जाए। राज्य में तमाम त्रिपक्षीय कमेटियों में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों को रखा जाए।
इस मौके पर मनोज सोनी,राकेश गंगवा,दर्शना रोशनी उकलाना, राजेश कुमार,तारकेश्वर मिश्रा,रोशन लाल जांगड़ा,प्रीतम वर्मा ,रोहित जांगड़ा, मेहर सिंह बांगड़, कृष्ण नैन, राजू बरवाला, राजबीर, राधेष्याम, रामफल बरवाला सहित अन्य मजदूर नेताओं ने सम्बोधित किया।
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हिसार में दस साल से नहीं किया न्यूनतम वेतन में बदलाव, मजदूरों ने किया प्रदर्शन