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फतेहाबाद. हरियाणा में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही गोपाल कांडा ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. उन्होंने भतीजे धवल कांडा को रानिया सीट से प्रत्याशी बनाया है और ऐसे में अब भाजपा की दिक्कत बढ़ गई है. रानिया से बीता चुनाव हाल ही में भाजपा में शामिल हुए रणजीत चौटाला जीते थे. वहीं, गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा और भाजपा में गठबंधन हुआ है. इस कारण रणजीत चौटाला को लेकर कई सवाल उठने लगे थे. वहीं, अब रणजीत चौटाला ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
पूर्व बिजली मंत्री ने कहा कि हलोपा कोई पार्टी नहीं है और अमित शाह हरियाणा में कह चुके हैं कि भाजपा अपने दम पर सरकार बनाएगी.
गोपाल कांडा के रानिया से अपना उम्मीदवार घोषित करने के सवाल पर रणजीत सिंह चौटाला की ने कहा कि हर किसी का अपना फंडामेंटल है. कोई कहीं से चुनाव लड़ सकता है, लेकिन फाइट तो भाजपा और कांग्रेस में ही रहेगी. कभी किसी समय पंजाब में बादल सरकार की पार्टी का 25 साल तक राज रहा. यूपी में मायावती का डंका बजता रहा.
पार्टी ने पहले भी टिकट दिया था-चौटाला
रानिया से भाजपा की टिकट के सवाल पर रणजीत सिंह ने कहा कि तीन माह पहले पार्टी ने उन्हें हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया और अब तीन माह में ऐसी कोई डिस्क्वालिफिकेशन उनमें नहीं आई और उनका अपना जनाधार है. 5 लाख से ज्यादा वोट आए और 30 हजार से हार गए, क्योंकि फैमिली के लोग सामने खड़े हो गए थे. रानिया से जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ स्वतंत्र चुनाव लड़ा तो 25 हजार से ज्यादा वोटों से वे जीतकर आए, बाकियों की जमानतें जब्त हो गईं. भाजपा पार्टी के प्रति समर्पित, अच्छी इमेज और जीताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देती है और उनके हर पैमाने पर वे खरे उतरते हैं.
डेरा मुखी को पेरोल देने पर क्या बोले मंत्री चौटाला
फतेहाबाद में जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद रणजीता चौटाना ने कहा कि हर बार की तरह चुनाव से ऐन पहले डेरा मुखी को मिली फरलो को लेकर बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत चौटाला ने कहा कि बाबा को पैरोल या फरलो कानूनों के तहत ही मिली है. इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है. उन्होंने कहा कि जेल महकमे के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होता कि वह अपने स्तर पर किसी को बाहर निकाले.
हमारे पास 25 हजार कैदी हैंः मंत्री
उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब भी बाबा को पैरोल या फरलो मिलती है तो यह प्रश्न उठते हैं. हमारे पास 25 हजार कैदी हैं, जब भी कोई कैदी 3 साल से ज्यादा सजा भुगता लेता है तो उसके पास अधिकार रहता है कि वह पैरोल या फरलो ले सके. हमारा काम सिर्फ एप्लीकेशन फॉरवर्ड करना होता है. यदि सजा तीन साल तक है तो डीसी लेवल और सजा 7 साल से अधिक है तो पुलिस कमीश्नर स्तर पर पैरोल मिलती है. जेल में सिर्फ एप्लीकेशन आती है, जिसे जेल के कानूनों के तहत आगे भेज दिया जाता है. जो भी हो रहा है, वो जेल मैनुअल के तहत हो रहा है.
Tags: Assembly elections, Fatehabad news, Haryana BJP, Haryana news live, Haryana News Today, Haryana police, Haryana politics
FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 14:40 IST
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