सोनम कुमार की पहले प्रयास में हुई सेना में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति


ख़बर सुनें

झज्जर। साल्हावास गांव निवासी एक व्यक्ति के बेटे ने लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति प्राप्त कर माता-पिता के सपने को पूरा किया है। लेफ्टिनेंट सोनम कुमार जाखड़ को सेना में जाने की प्रेरणा सेना में रहे पिता अशोक कुमार जाखड़ और अन्य सैनिकों को देखकर मिली। सोनम के पिता सेना में हवलदार रहे हैं। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने हरियाणा पुलिस ज्वाइन की। वर्तमान में वह चरखी दादरी थाने में तैनात हैं।
सोनम को स्टार लगाते हुए पिता अशोक कुमार, माता सुनीता और छोटा भाई आशीष बहुत खुश थे। अशोक कुमार ने बताया कि सेना में रहते हुए उनकी तैनाती पंजाब, आसाम समेत कई जगह रही। सोनम के दादा सेना में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी भी इच्छा थी कि उनका पोता सेना में अफसर बने। हालांकि सोनम के लेफ्टिनेंट पर पर नियुक्ति से 3 महीने पहले उनके दादा का देहांत हो गया। ऐसे में सोनम और परिवार भी अलग-अलग राज्यों में साथ गया। जहां फौज के जवानों और अफसरों को देखकर सोनम भी सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित होता था। सोनम ने अजमेर के सैनिक स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। पढ़ाई के साथ साथ ही उसका हिंदी का टेस्ट क्लियर हो गया था। पुणे से तीन साल एनडीए करने के बाद आईएमए देहरादून से एक साल का प्रशिक्षण पूरा कर सोनम सैन्य अफसर बन गया। इसके लिए सोनम अपने माता-पिता, परिवार के सदस्यों, परिचितों, शिक्षकों और सेना के अफसरों को श्रेय देते हैं।

झज्जर। साल्हावास गांव निवासी एक व्यक्ति के बेटे ने लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति प्राप्त कर माता-पिता के सपने को पूरा किया है। लेफ्टिनेंट सोनम कुमार जाखड़ को सेना में जाने की प्रेरणा सेना में रहे पिता अशोक कुमार जाखड़ और अन्य सैनिकों को देखकर मिली। सोनम के पिता सेना में हवलदार रहे हैं। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने हरियाणा पुलिस ज्वाइन की। वर्तमान में वह चरखी दादरी थाने में तैनात हैं।

सोनम को स्टार लगाते हुए पिता अशोक कुमार, माता सुनीता और छोटा भाई आशीष बहुत खुश थे। अशोक कुमार ने बताया कि सेना में रहते हुए उनकी तैनाती पंजाब, आसाम समेत कई जगह रही। सोनम के दादा सेना में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनकी भी इच्छा थी कि उनका पोता सेना में अफसर बने। हालांकि सोनम के लेफ्टिनेंट पर पर नियुक्ति से 3 महीने पहले उनके दादा का देहांत हो गया। ऐसे में सोनम और परिवार भी अलग-अलग राज्यों में साथ गया। जहां फौज के जवानों और अफसरों को देखकर सोनम भी सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित होता था। सोनम ने अजमेर के सैनिक स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। पढ़ाई के साथ साथ ही उसका हिंदी का टेस्ट क्लियर हो गया था। पुणे से तीन साल एनडीए करने के बाद आईएमए देहरादून से एक साल का प्रशिक्षण पूरा कर सोनम सैन्य अफसर बन गया। इसके लिए सोनम अपने माता-पिता, परिवार के सदस्यों, परिचितों, शिक्षकों और सेना के अफसरों को श्रेय देते हैं।

.


What do you think?

Railway: कल से बदले रूट पर चलेंगी कटिहार और ऊंचाहार एक्सप्रेस, पढ़िए कब-कब सोनीपत नहीं पहुंचेगी गाड़ी

सूबेदार के बेटे कुणाल मल्हान बने सेना में लेफ्टिनेंट.