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सेहतनामा- दुनिया में बढ़ रहे लाइम डिजीज के मामले:एक मामूली सा लाल चकत्ता हो सकता है जानलेवा, लाइम डिजीज के लक्षण और बचाव Health Updates

सेहतनामा- दुनिया में बढ़ रहे लाइम डिजीज के मामले:एक मामूली सा लाल चकत्ता हो सकता है जानलेवा, लाइम डिजीज के लक्षण और बचाव

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21 घंटे पहले

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कल्पना करिए कि किसी शख्स को पार्क या हरे-भरे इलाके में टहलते हुए एक कीड़े ने काटा और लाल चकत्ता पड़ गया। चकत्ते में किसी तरह का दर्द या खुजली नहीं हो रही थी तो उसने इलाज की कोई जरूरत नहीं समझी। इस बीच शरीर में चकत्ते कुछ और बढ़ गए। खांसी-जुकाम के लक्षण अब बने ही रहते हैं। इसके कई दिन बाद मालूम पड़ता है कि उसके घुटनों में जोर का दर्द हो रहा है। छोटी-छोटी बातें भूल जा रहा है, दिमाग पर थोड़ा सा भी जोर चिड़चिड़ाहट का कारण बन रहा है। दिल और लिवर कमजोर होने लगे हैं। डॉक्टर्स के लिए समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर इसके पीछे वजह क्या है?

जिस तरह एक सीरीज में यह सबकुछ घटा है, इन सबकी वजह लाइम डिजीज हो सकती है। यह बीमारी टिक (जानवरों के शरीर और जंगलों में पाया जाने वाला एक कीड़ा) के काटने के कारण होती है। इसको डियर टिक भी कहते हैं। इन दिनों अमेरिका जैसे कई देशों में यह टिक चिंता का विषय बना हुआ है।

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में हर साल लाइम डिजीज के 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। आशंका जताई गई है कि यह आंकड़ा इससे भी बड़ा हो सकता है क्योंकि कई मामले डाइग्नोज नहीं हो पाते हैं। भारत में भी लाइम डिजीज के कई मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि इसके ज्यादातर केस हिमालय के तराई क्षेत्रों में ही सामने आए हैं।

बारिश के महीने में घास और हरियाली बढ़ जाती है तो ये टिक्स भी तेजी से पनपने और फैलने लगते हैं। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स भारत में भी इसे लेकर चिंता जता रहे हैं।

आज ‘सेहतनामा’ में बात करेंगे लाइम डिजीज की। साथ ही जानेंगे कि-

  • इसके लक्षण क्या होते हैं?
  • लाइम डिजीज का इलाज क्या है?
  • इससे बचाव के क्या उपाय हैं?

लाइम डिजीज क्या है

जलवायु परिवर्तन के कारण लाइम डिजीज पूरी दुनिया में फैल रही है। यह बीमारी एक बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia burgdorferi) के कारण होती है। यह संक्रमित ब्लैक-लेग्ड टिक या डियर टिक के काटने से फैलती है। लकड़ी और कुत्तों के शरीर में पाए जाने वाले टिक से यह बीमारी नहीं होती।

लाइम डिजीज की कितनी स्टेज होती हैं

लाइम डिजीज को आमतौर पर तीन स्टेज में बांटा जाता है। इसे लक्षण, संक्रमण की गंभीरता और विकास के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।

1. पहली स्टेज (Early localised): पहली स्टेज टिक काटने के 1 से 28 दिन के बीच की स्टेज है। इसमें बैक्टीरिया इन्फेक्टेड एरिया में ही होता है। कहीं और नहीं फैला होता है।

2. दूसरी स्टेज (Early disseminated): लाइम डिजीज की दूसरी स्टेज टिक के काटने के करीब 3 सप्ताह बाद विकसित होती है और यह स्टेज 12 सप्ताह तक बनी रह सकती है। इसमें बैक्टीरिया इन्फेक्टेड जगह के आसपास के अंगों में फैल चुका होता है।

3. तीसरी स्टेज (Late disseminated): यह लाइम डिजीज की तीसरी और सबसे आखिरी स्टेज है। इसे विकसित होने में कई महीने या कई साल का समय लग सकता है। इसमें बैक्टीरिया लगभग पूरे शरीर में फैल चुका होता है और इसके कारण लिवर, दिल, चेहरा और दिमाग सब प्रभावित हो गए होते हैं।

यह बीमारी हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करती है

डियर टिक के काटने से शुरू में एक लाल चकत्ता पड़ता है। यह बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है। फिर यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में भीतर-ही-भीतर फैलता रहता है। धीरे-धीरे यह हमारे लिवर और नर्वस सिस्टम को अपनी चपेट में ले लेता है। इसके कारण कई समस्याएं होने लगती हैं। इसका समय पर इलाज न हो तो यह कई तरह की मुश्किलें पैदा कर सकता है। बड़ी मुश्किल ये भी है कि इसके लक्षण इतने सामान्य हैं और दूसरी बीमारियों से इतने मेल खाते हैं कि इसे डायग्नोज करना मुश्किल काम है।

इसके बावजूद इसे कुछ लक्षणों से पहचाना जा सकता है और ये भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह लाइम डिजीज की कौन सी स्टेज है।

लाइम डिजीज के क्या लक्षण हैं

लाइम डिजीज में सबसे पहले हमारे शरीर पर लाल निशान पड़ता है। यह आमतौर पर गोल आकार के चकत्ते की तरह होता है।

इसके बाद लक्षण कॉमन कोल्ड और फीवर की तरह लगते हैं। इन्फेक्टेड शख्स को ठीक उसी तरह की समस्याएं होने लगती हैं, जैसे किसी को फ्लू, सर्दी, खांसी, सिरदर्द होने पर लगता है। अगर यह बीमारी बहुत दिनों तक बनी रहे तो जोड़ों में दर्द और मेमोरी लॉस की समस्या भी शुरू हो जाती है। इसके लक्षण स्टेज-दर-स्टेज कैसे बदलते हैं, ग्राफिक में देखिए।

कई बार लाइम डिजीज के लक्षण टिक काटने के 3 महीने बाद तक सामने आते हैं। जबकि कभी-कभी तो इसमें 12 महीने तक का समय लग सकता है। लाइम डिजीज हुए अगर अधिक समय बीत गया है तो स्टेज 2 और 3 में संक्रमण कई अंगों में यानी लगभग पूरे शरीर में फैल जाता है।

लाइम डिजीज का इलाज क्या है

लाइम डिजीज के प्रभावी उपचार के लिए आमतौर पर प्रभावित शख्स को एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। इसे ठीक होने में कितना समय लगेगा, यह संक्रमण की स्टेज और इन्फेक्टेड व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

इसका इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाता है, रिकवरी भी उतनी ही जल्दी और आसानी से होती है। इससे पेशेंट को शारीरिक नुकसान भी कम होता है। ग्राफिक से समझिए कि डियर टिक के काटने पर क्या करना होता है।

हम टिक से कैसे बच सकते हैं

टिक से बचना ही लाइम डिजीज से भी बचने का सबसे अच्छा उपाय है। इसके लिए हम कुछ जरूरी टिप्स फॉलो कर सकते हैं।

  • घर से बाहर जाने पर लंबी पैंट और पूरे बाजू वाली शर्ट पहनें।
  • अपने कपड़ों को पर्मेथ्रिन से सुरक्षित रखें, जिससे टिक दूर रहती हैं।
  • पर्मेथ्रिन एक तरह का एंटीबैक्टीरियल स्प्रे और लोशन होता है। यह स्किन से लेकर कपड़ों तक के लिए आता है।
  • पहने हुए कपड़ों पर पर्मेथ्रिन स्प्रे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और अंडरगारमेंट्स में इसका इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए।
  • घर के आसपास की घास और पौधों पर DEET जैसे कीट निरोधकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • अगर घर के पालतू जानवर लंबी घास और जंगली क्षेत्रों से आए हैं तो उन्हें सावधानी से अच्छी तरह नहलाएं।

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