ख़बर सुनें
संवाद न्यूज एजेंसी
शाहाबाद। अनाज मंडी में सूरजमुखी की खरीद शुरू न होने से किसान परेशान हैं। वहीं भाकियू का आरोप है कि सरकार की गलत नीतियों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसान औने-पौने दाम पर सूरजमुखी बेचने को मजबूर हो रहे हैं। इसी विषय को लेकर भाकियू चढूनी की ब्लॉक कोर कमेटी की बैठक 13 जून को शहीद उधम सिंह ट्रस्ट में बुलाई गई है। इस बैठक में क्षेत्र के किसान सूरजमुखी की सरकारी खरीद शुरू करवाने व तहसील कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर रोक लगाने बारे रणनीति बनाई जाएगी।
राकेश बैंस ने बताया कि खरीद न होने को लेकर भाकियू ने उपायुक्त को पत्र लिखकर शाहाबाद मंडी में खरीद शुरू करने की गुहार लगाई थी। पत्र में उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि सूरजमुखी की खरीद शीघ्र शुरू न की गई, तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे। फिर भी खरीद शुरू नहीं हो पाई, जबकि एक जून 2022 से 30 जून 2022 तक हरियाणा के पांच जिलों की 9 मंडियों में सूरजमुखी की खरीद शुरू होनी थी। अभी तक शाहाबाद मंडी में खरीद शुरू नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे मेरी फसल मेरा ब्योरा में किसानों द्वारा दर्ज फसल विवरण का वेरिफिकेशन न करना बड़ी वजह मानी जा रही है। राजस्व विभाग की ओर से यह कार्य खरीद समय से पहले किया जाना चाहिए था। इस कारण से मंडी के अंदर किसान की फसल के ई-खरीद गेट पास नहीं काटे जा रहे हैं और किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम रेट पर अपनी फसल बेचने को मजबूर है। अब 13 जून को होनी वाली बैठक में आगामी रणनीति बनाई जाएगी।
संवाद न्यूज एजेंसी
शाहाबाद। अनाज मंडी में सूरजमुखी की खरीद शुरू न होने से किसान परेशान हैं। वहीं भाकियू का आरोप है कि सरकार की गलत नीतियों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसान औने-पौने दाम पर सूरजमुखी बेचने को मजबूर हो रहे हैं। इसी विषय को लेकर भाकियू चढूनी की ब्लॉक कोर कमेटी की बैठक 13 जून को शहीद उधम सिंह ट्रस्ट में बुलाई गई है। इस बैठक में क्षेत्र के किसान सूरजमुखी की सरकारी खरीद शुरू करवाने व तहसील कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार पर रोक लगाने बारे रणनीति बनाई जाएगी।
राकेश बैंस ने बताया कि खरीद न होने को लेकर भाकियू ने उपायुक्त को पत्र लिखकर शाहाबाद मंडी में खरीद शुरू करने की गुहार लगाई थी। पत्र में उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि सूरजमुखी की खरीद शीघ्र शुरू न की गई, तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे। फिर भी खरीद शुरू नहीं हो पाई, जबकि एक जून 2022 से 30 जून 2022 तक हरियाणा के पांच जिलों की 9 मंडियों में सूरजमुखी की खरीद शुरू होनी थी। अभी तक शाहाबाद मंडी में खरीद शुरू नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे मेरी फसल मेरा ब्योरा में किसानों द्वारा दर्ज फसल विवरण का वेरिफिकेशन न करना बड़ी वजह मानी जा रही है। राजस्व विभाग की ओर से यह कार्य खरीद समय से पहले किया जाना चाहिए था। इस कारण से मंडी के अंदर किसान की फसल के ई-खरीद गेट पास नहीं काटे जा रहे हैं और किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम रेट पर अपनी फसल बेचने को मजबूर है। अब 13 जून को होनी वाली बैठक में आगामी रणनीति बनाई जाएगी।
.