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सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में आठवीं बार स्पेसवॉक किया: स्पेस स्टेशन से बाहर निकलीं, 6:30 घंटे तक ISS के बाहरी हिस्से की मरम्मत की Today World News

सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में आठवीं बार स्पेसवॉक किया:  स्पेस स्टेशन से बाहर निकलीं, 6:30 घंटे तक ISS के बाहरी हिस्से की मरम्मत की Today World News

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वॉशिंगटन1 मिनट पहले

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न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर (NICER) एक्स-रे टेलीस्कोप की मरम्मत करते हुए सुनीता विलियम्स और निक हेग।

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गुरुवार शाम भारतीय समय के मुताबिक 6 बजकर 30 मिनट से स्पेसवॉक शुरू किया। इस दौरान उनके साथ अंतरिक्ष साथी एस्ट्रोनॉट निक हेग भी थे।

NASA ने दोनों के स्पेसवॉक का लाइव फुटेज शेयर किया है। इस स्पेसवॉक का मकसद न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर (NICER) एक्स-रे टेलीस्कोप की मरम्मत करना है। इस मिशन का नाम ‘US स्पेसवॉक-91’ है। यह मिशन सुनीता विलियम्स के करियर में 8वां और हेग का चौथा स्पेसवॉक है। यह स्पेसवॉक करीब 6.5 घंटे तक चला।

सुनीता और उनके सहयोगी निक हेग ने इस स्पेसवॉक के दौरान ISS के बाहरी हिस्से पर मरम्मत से जुड़े काम किए। इनमें स्टेशन की दिशा तय करने वाले इंस्ट्रूमेंट्स की मरम्मत, NICER X-ray टेलीस्कोप पर लाइट फिल्टर्स को पैच करना, और एक इंटरनेशनल डॉकिंग एडाप्टर पर लगे रिफ्लेक्टर डिवाइस को बदलना शामिल था।

ISS के बाहरी हिस्से पर मेंटेनेंस का काम करती सुनीत विलयिम्स।

ISS के बाहरी हिस्से पर मेंटेनेंस का काम करती सुनीत विलयिम्स।

12 साल बाद स्पेसवॉक कर रहीं सुनीता विलियम्स सुनीता विलियम्स 12 साल के बाद स्पेसवॉक कर रही हैं। वह एक्स्ट्रावेहिकुलर एक्टिविटीज (EVA) में अपनी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं, जो ISS के संचालन और अपग्रेड के लिए बेहद जरूरी है।

नासा ने पिछले साल मई में अंतरिक्ष यात्रियों की स्पेसवॉक को रोक दिया था। दरअसल तब एक अंतरिक्ष यात्री के सूट के कूलिंग लूप (कूलिंग प्रणाली में पानी का उपयोग होता) से एयरलॉक (वह जगह जहां से अंतरिक्ष यात्री बाहर निकलते हैं) में पानी लीक होने लगा था। इस समस्या के दूर होने के बाद पहली बार किसी अंतरिक्ष यात्री ने स्पेसवॉक किया है।

सुनीता विलियम्स के 8 दिन का सफर 10 महीने में बदला

सुनीता विलियम्स 7 महीने से ज्यादा समय से अंतरिक्ष में हैं। वह पिछले साल जून में बुच विल्मोर के साथ ISS पर पहुंची थीं। उन्हें एक सप्ताह के बाद लौटना था। दोनों बोइंग के नए स्टारलाइनर कैप्सूल के टेस्ट के लिए गए थे, लेकिन इसमें खराबी आने के बाद दोनों ISS पर ही रुक गए। इसके बाद से दोनों वहीं फंसे हुए हैं।

नासा ने सुनीता और बुच विल्मोर को फरवरी 2025 में इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से वापस लाने की जानकारी दी थी। लेकिन अब उनके लौटने में और ज्यादा वक्त लग सकता है। नासा ने पिछले महीने कहा था कि उन्हें मार्च 2025 के अंत का इंतजार करना होगा। यह तारीख अप्रैल की शुरुआत तक भी बढ़ सकती है।

नासा ने मुताबिक सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष से वापस लाने के लिए स्पेसएक्स को नया कैप्सूल बनाना है। इसे बनाने में स्पेसएक्स को वक्त लगेगा, जिस वजह से मिशन में देरी होगी। यह काम मार्च के अंत तक पूरा किया जा सकता है। इसके बाद ही स्पेस में फंसे एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाया जा सकेगा।

6 जून को स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद क्रू के साथ बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स।

6 जून को स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद क्रू के साथ बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स।

सुनीता और विलमोर को स्पेस स्टेशन पर क्यों भेजा गया था

सुनीता और बुश विलमोर बोइंग और NASA के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इसमें सुनीता, स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं। उनके साथ गए बुश विलमोर इस मिशन के कमांडर थे। दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 8 दिन रुकने के बाद वापस पृथ्वी पर आना था।

लॉन्च के समय बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी के प्रेसिडेंट और CEO टेड कोलबर्ट ने इसे स्पेस रिसर्च के नए युग की शानदार शुरुआत बताया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता साबित करना था।

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। सुनीता और विलमोर पहले एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एटलस-वी रॉकेट के जरिए स्पेस ट्रैवेल पर भेजे गए। इस मिशन के दौरान उन्हें स्पेसक्राफ्ट को मैन्युअली भी उड़ाना था। फ्लाइट टेस्ट से जुड़े कई तरह के ऑब्जेक्टिव भी पूरे करने थे।

सुनीता और विलमोर इतने लंबे समय तक स्पेस में कैसे फंस गए?

स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के लॉन्च के समय से ही उसमें कई दिक्कतें थीं। इनके चलते 5 जून से पहले भी कई बार लॉन्च फेल हुआ था। लॉन्च के बाद भी स्पेसक्राफ्ट में दिक्कतों की खबर आई।

NASA ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट के सर्विस मॉड्यूल के थ्रस्टर में एक छोटा सा हीलियम लीक है। एक स्पेसक्राफ्ट में कई थ्रस्टर होते हैं। इनकी मदद से स्पेसक्राफ्ट अपना रास्ता और स्पीड बदलता है। वहीं हीलियम गैस होने की वजह से रॉकेट पर दबाव बनता है। उसका ढांचा मजबूत बना रहता है, जिससे रॉकेट को अपनी फ्लाइट में मदद मिलती है।

लॉन्च के बाद 25 दिनों में स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में 5 हीलियम लीक हुए। 5 थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे। इसके अलावा एक प्रॉपेलेंट वॉल्व पूरी तरह बंद नहीं किया जा सका। स्पेस में मौजूद क्रू और अमेरिका के ह्यूस्टन में बैठे मिशन के मैनेजर मिलकर भी इसे ठीक नहीं कर पा रहे हैं।

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भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुश विलमोर मार्च 2025 तक स्पेस में फंसे रहेंगे। नासा ने दोनों एस्ट्रोनॉट को सिर्फ 8 दिनों के मिशन पर स्पेस में भेजा था। जिस स्पेसक्राफ्ट से सुनीता और विलमोर स्पेस में पहुंचे थे, वह खराबी के चलते सुनीता को लिए बिना धरती पर वापस लौट गया। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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